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भारत में खतरा बढ़ रहा है, विशेष रूप से पूर्वोत्तर की बदल रही जनसांख्यिकी एक बड़ा खतरा बन रही है। बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ, मुसलमानों की तीव्र जन्मदर तथा ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाई जा रहीं मतांतरण की गतिविधियां भारत की एकता एवं अखण्डता के लिए खतरा बन रही हैं। ये बातें स्वतंत्रता दिवस पर दीनदयाल शोध संस्थान, दिल्ली में भारत की बदलती जनसांख्यिकी एवं द्विराष्ट्रवाद पर आयोजित संगोष्ठी में निकल कर सामने आर्इं।संगोष्ठी में उपस्थित भाजपा,पूर्वोत्तर के प्रभारी श्री हरेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि असम में जनसंख्या परिवर्तन तेजी से हो रहा है। ऐसे मुसलमानों की आबादी ज्यादा बढ़ रही है, जिनकी उम्र वोट देने की है। असम और मेघालय में मुख्य सचिव रहे श्री रंगन दत्ता ने बताया कि वहां की बदलती जनसांख्यिकी के पीछे बांग्लादेश से घुसपैठ के अलावा मुसलमानों की उच्च जन्मदर तथा मिशनरियों द्वारा स्थानीय लोगों को ईसाई मत में मतांतरित करना भी बड़े कारण हैं। संगोष्ठी में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव डा. भरत पाठक, पत्रकार जावेद नकवी एवं डा. महेश चंद्र शर्मा ने भी अपने विचारों से गण्यमान्यजनों को अवगत कराया। द प्रतिनिधि34
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