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देशभर के कई राज्यों से सिंधु दर्शन यात्रा के लिए आए, 125 यात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू से 19 जून की सुबह हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसमें बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और बच्चे सभी सम्मिलित थे। इससे पूर्व 18 जून को सिंधु दर्शन यात्रा समिति द्वारा यात्रियों के स्वागत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जम्मू के अभिनव थियेटर में सम्पन्न हुए समारोह में यात्रियों का स्वागत फूलमाला पहनाकर किया गया। साथ ही कुछ आवश्यक वस्तुएं भी भेंट की गर्इं। तत्पश्चात जम्मू-कश्मीर संस्कार भारती के कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जम्मू के जिला आयुक्त श्री मंदीप भंडारी तथा विशेष अतिथि नगर निगम आयुक्त श्री मुबारक सिंह थे।यात्रा की शुभकामना देते हुए सिंधु दर्शन यात्रा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुरलीधर मखीजा ने कहा कि पवित्र सिंधु नदी, सिंधी समाज के लिए गंगा के समान ही महत्व रखती है। ऐसे में इस समाज के लोगों में सिंधु दर्शन की अभिलाषा स्वाभाविक ही है। विचलित मन से उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले सिंधियों का तो यह सौभाग्य है कि उन्हें हर वर्ष सिंधु दर्शन करने का अवसर मिल जाता है। परन्तु पकिस्तान में रहने वाले लगभग 15 लाख सिंधी हिन्दू इस यात्रा से वंचित रह जाते हैं। श्री मखीजा ने खुशी जताते हुए कहा कि अब वे दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान में रहने वाले सिंधी बंधु भी इस यात्रा में शामिल हो सकेंगे। क्योंकि भारत की सिंध सभा के कार्यकर्ता पाकिस्तान में रहने वाले सिंधी बंधुओं से लगातार सम्पर्क में है। सिंधु दर्शन यात्रा समिति, जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष मेयर कविन्द्र गुप्ता ने कहा कि सिंधु दर्शन यात्रा का महत्व इसलिए और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि हिन्दू एवं हिन्दुस्थान का नाम देने वाली सिंधु नदी पाकिस्तान के हिस्से में ही नहीं बल्कि भारत के 300 किमी. क्षेत्र में भी बहती है। यह वह नदी है जिसके किनारे वेदों की रचना हुई। संसार की सबसे प्राचीन संस्कृति और सभ्यता का विकास भी यहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह सिंधु नदी ही है जिसकी प्रशंसा वेदों में बार-बार की गई है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मंदीप भंडारी ने यात्रियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि वे यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासनिक व व्यक्तिगत तौर पर सदैव तत्पर रहेंगे।इस वर्ष सिंधु दर्शन यात्रा 19 जून से आरंभ होकर 25जून तक चली। 23, 24, व 25 को लेह में सिंधु दर्शन उत्सव मनाया गया। यात्रा के लिए तीन स्थानों से यात्री लेह पहुंचेंगे। पहला- जम्मू से श्रीनगर-कारगिल होते हुए, दूसरा- दिल्ली से कुल्लु मनाली से लाहौल स्पीति होते हुए तथा तीसरा- दिल्ली से हवाई मार्ग के रास्ते। यात्रा में कुल 500 यात्रियों के पहुंचने का अनुमान है। 25 जून को “चलो बढ़े कैलाश मानसरोवर की ओर” कार्यक्रम होगा। इसके पश्चात सभी यात्री अपने-अपने घर की ओर रवाना होंगे। द (त्रिकुटा संवाद केन्द्र, जम्मू)31
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