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मिल गया हमें संकल्पजयी अभिनव भारत का विजय मंत्र। वर्षों से खोज रहा जिसको यह एक अरब का प्रजातंत्र।। इसकी आभा से संजीवित होगा भारत का खेल जगत। हर्षित यश गर्वित दिग्दिगन्त महिमा अभिमंडित लोकतंत्र।। ये अमर सितारे किरकिट के सोने-चांदी में खेल रहे। जब अन्य खिलाड़ी खेलों के असहाय भुखमरी झेल रहे।। खामोश खड़ी है इस पर भी अभिनव भारत की युवा शक्ति। ये सभी खेल को दौलत की खाई की ओर धकेल रहे।। -पं. नरेन्द्र मिश्र40
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