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सांस्कृतिक विरासत का परिचयपुस्तक का नाम : भारतीय जीवन मूल्यलेखिका : कामिनी कामायनीप्रकाशक : ज्ञान गंगा, 205-सी चावड़ी बाजार दिल्ली, -110006पृष्ठ : 196 – मूल्य : 200 रुपएभारतवासियों को उनकी अनमोल सांस्कृतिक विरासत से पुन: परिचय कराकर उनमें नए उत्साह और स्वाभिमान के संचार हेतु भारतीय संस्कृति से सम्बंधित रीति-रिवाजों, लोक-परम्पराओं, प्रतीक-चिह्नों तथा धर्म, दर्शन, साहित्य, पुरातत्व, इतिहास, कला,दूसरे अध्याय में लेखिका हमारी सांस्कृतिक निधियों का वर्णन करती हैं कि किस प्रकार हमारे वेद,पुराण, स्मृतियां, रामायण, महाभारत, गीता, आचार और नीति ग्रंथ, हमारे संस्कारादि वैज्ञानिकता की कसौटी पर खरे उतरते हैं। तीसरे अध्याय में प्रसिद्ध तीर्थों, पावन नदियों, प्रमुख व्रतों, प्रतीक चिह्नों की प्रतीकात्मकता एवं उनकी वैज्ञानिकता का सचित्र चित्रण है।वेदों में हवन के महत्व को तार्किक ढंग से विवेचित किया गया है। पश्चिमीकरण के रंग में बुद्धिजीवियों को तो वेद-पुराणादि मिथक ही प्रतीत होते हैं। जब कोई वैज्ञानिकआधुनिक शिक्षा प्रणाली को चाहे जितना गुणकारी-लाभकारी सिद्ध किया जाए परन्तु इसमें मानवीय मूल्यों की गिरावट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह गिरावट मानव सभ्यता को घुन की तरह खाये जा रही है। फिर भी इस पर विचार-विमर्श का समय घटता जा रहा है। इस अंधेरे में भारत की प्राचीन शिक्षा-प्रणाली-व्यवस्था हमें आश्वस्त करती है। लेखिका ने इसका विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया है। विभिन्न ग्रंथों में शिक्षा के महत्व को किस तरह संजोया गया था, इसकी व्याख्या अध्याय “भारत के प्राचीन ग्रंथों में शिक्षा के विस्तृत फलक” के अंतर्गत विद्यमान है।19
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