|
लोग पूछते फिर रहे, हैं सुकून की राह। क्या उत्तर अब आपका, बोलो जहांपनाह।। मृत्यु वरण आने लगा, यदि लोगों को रास। कैसे मानेगा कोई, किञ्चिद् हुआ विकास।। -सोमदत्त शर्मामन हौसले सम्हाले रखना दुख में सुख को पाले रखना, हंसते हुए उजाले देना सपने पंखों वाले रखना। -विजय किशोर मानवमुसकानों में छिपी कुटिलता से डर लगता है, जीवन की अनबूझ जटिलता से डर लगता है। छोटी-छोटी खुशियां ही पागल कर देती हैं, असफलता से नहीं सफलता से डर लगता है। -जयेन्द्र पाण्डेय लल्लाअन्धकार मन का मिटे जलें प्यार के दीप, सद्भावों की वर्तिका लाये नेह समीप। -सरिता शर्मा20
टिप्पणियाँ