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सज्जनगढ़ गांव में वनवासियों ने किया राममंदिर का जीर्णोद्धार, धर्म सभा में वक्ताओं का आह्वानदेश- धर्म रक्षा में जुटेंगत् 28 अप्रैल को बांसवाड़ा जिले के सज्जनगढ़ ग्राम में सैकड़ों वर्ष प्राचीन राममंदिर का जीर्णोद्धार कार्यक्रम विधिपूर्वक संपन्न हुआ। आस-पास के 50 वनवासी एवं पिछड़े ग्रामों के हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर के जीर्णोद्धार में सक्रियता पूर्वक योगदान दिया। मंदिर में प्रभु श्रीराम, माता सीता, श्री लक्ष्मणजी एवं पवनपुत्र हनुमानजी की मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा के पूर्व लगभग 4000 ग्रामीण महिलाओं ने तपती दोपहरी में गंगाजल-कलश के साथ मंगल गीत गाते हुए ग्राम परिक्रमा की। 11 वैदिक पंण्डितों ने पवित्र वेदमंत्रों के बीच 125 ग्राम प्रमुखों के युगल जोड़ों को यजमान बनाकर प्रभु श्रीराम पंचायत की प्राण प्रतिष्ठा हेतु यज्ञ ज्वालाओं में आहुतियां दीं।इस अवसर पर आयोजित विशाल धर्मसभा में आस-पास के 48 वनवासी ग्रामों के 10,000 महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने भाग लिया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री श्री मोहन जोशी ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम साक्षात् धर्म की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने भारत के वन-गिरि-प्रांतर में निवास करने वाले ग्रामवासियों को आसुरी शक्तियों के भय से मुक्त कराया। दुर्दांत रावण के साम्राज्य का अंत कर राम राज्य के माध्यम से सर्वत्र सुख-शांति की स्थापना की। आज पुन: आसुरी शक्तियां भारत से धर्म, संस्कृति समाप्त करने पर तुली हैं। इसके लिए नगरीय जीवन में योजनापूर्वक विलासिता, मादक द्रव्यों एवं अपराधी प्रवृत्ति का प्रसार किया जा रहा है। हमारे ग्राम भी इसी प्रभाव में आ रहे हैं। ऐसे संकट के समय में ग्रामवासियों को संगठित और जागरूक होकर अपने देश और धर्म की रक्षा केलिए कमर कसनी होगी।धर्म सभा को लालीबाबा मठ के महंत श्री ओमशरण जी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में सरकार चला रहे लोग भगवान श्रीराम और रामायण के अस्तित्व में विश्वास नहीं रखते। हमारे पवित्र रामसेतु तीर्थ को समाप्त करने के लिए रामसेतु को तोड़ने पर केन्द्र सरकार तुली हुई है। उसे बचाने केलिए हमें विराट आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा। अभी से गांव-गांव में जनजागरण सभाएं करनी होगी। हमें रामसेतु की रक्षा के साथ-साथ भारत भूमि से असुर संस्कृति के पोषकों को भी विनाश करना है।भारत माता मंदिर, बांसवाड़ा से पधारे और विश्व हिंदू परिषद के सह केंद्रीय मंत्री श्री रामस्वरूप जी ने वनवासी ग्रामों में शिक्षा के प्रचार और उनके सर्वांगीण विकास के लिए सरकार और धर्मप्रेमी धनी-मानी सज्जनों से अपील की। उन्होंने कहा कि हर वनवासी बालक शिक्षित बने, संस्कारित बने, इसके लिए हमें अनथक कार्य करना है। हर गांव में संस्कार शाला और संस्कार मंदिर की स्थापना हमें करनी है। धर्म सभा की अध्यक्षता रामानंद संप्रदाय के महंत श्री घनश्याम दास जी महाराज ने की। सभी ग्रामवासियों ने इस अवसर पर सामूहिक भंडारे-सहभोज का भी आनन्द लिया। प्रतिनिधि27
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