|
एकजुट हों मध्यम वर्ग के उद्योगपति-डा. मुरली मनोहर जोशी, पूर्व केन्द्रीय मंत्रीगत 31 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी के व्यापार एवम् औद्योगिक प्रकोष्ठ के तत्वावधान में “देश की उद्योग एवं आर्थिक नीतियों पर भाजपा का दृष्टिकोण” विषय पर एक परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा भाजपा के नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय कार्यालय में सम्पन्न हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी एवं मुख्य वक्ता थे पूर्व वित्त मंत्री श्री यशवंत सिन्हा । संगोष्ठी में श्री श्याम बिहारी मिश्र (पूर्व सांसद), डा. श्याम सुन्दर अग्रवाल (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती), श्रीमती वन्दना शिवा (प्रसिद्ध पर्यावरणविद्), श्री सीता राम सिंगला (पूर्व मंत्री, हरियाणा) प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विजय बंसल (राष्ट्रीय सह संयोजक, व्यापार एवं औद्योगिक प्रकोष्ठ, भाजपा) ने की। कार्यक्रम के संयोजक थे दिल्ली के विधायक श्री रविन्द्र बंसल।संगोष्ठी में मुख्य रूप से लघु एवं मध्यम उद्योगों के सन्दर्भ में सरकार की नीतियों के दूरगामी दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा हुई। वर्तमान आर्थिक नीतियों के कारण बढ़ती बेरोजगारी, मन्दी, कच्चे माल की बढ़ती कीमतें, विशेष आर्थिक क्षेत्रों के कारण जमीनों की बढ़ती कीमत, बेरोजगार होते किसान व कम होती कृषि, कृषि एवं खुदरा व्यापार क्षेत्रों में बड़े औद्योगिक घरानों एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के प्रवेश के कारण उत्पन्न समस्याएं, इनसे प्रभावित परिवारों द्वारा निराशा के कारण आत्महत्याओं की प्रवृत्ति आदि पर परिचर्चा केन्द्रित रही।संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि आर्थिक सुधार एक निरन्तर प्रक्रिया है। बदलाव होते रहते हैं। भारत जैसे विशाल देश की आवश्यकताओं व संरचना को देखते हुए सुझावों की आवश्यकता रहती है ताकि प्रभावी रूप से बदलाव लाए जा सकें।डा. मुरली मनोहर जोशी ने विश्व व्यापार में विदेशी हस्तक्षेप से पहले की भारत की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के घटकर एक प्रतिशत रह जाने पर चिन्ता व्यक्त की। खुदरा क्षेत्र में बड़े घरानों व बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के दूरगामी परिणामों की चर्चा करते हुए डा. जोशी ने इसका अविलम्ब समाधान खोजने की आवश्यकता बताई। डा. जोशी ने लघु व मध्यम वर्ग के उद्योगपतियों का आह्वान किया कि वे अपना एक शक्तिशाली संगठन तैयार करें, जो अपनी बात मजबूती से रख सके। तभी सरकार की आर्थिक नीति देश व समाज के अनुकूल बन सकेगी। श्री विजय बंसल ने व्यापार एवं औद्योगिक प्रकोष्ठ की भूमिका को सबके समुम्ख रखा और श्री रविन्द्र बंसल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रतिनिधि17
टिप्पणियाँ