अमरीकी गुप्तचरों का खुलासा
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अमरीकी गुप्तचरों का खुलासा

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Dec 8, 2007, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 08 Dec 2007 00:00:00

पाकिस्तानी पूर्व सैनिकों की तालिबान से साठगांठ-सेसिल विक्टरबंगलादेशी संसद मेंहिन्दू महाजोट ने मांगे 50 स्थानहिन्दुओं के प्रतिनिधियों ने बीएनपी महासचिव से भेंट कीगत दिनों बंगलादेश जातीय हिन्दू महाजोट के प्रतिनिधिमण्डल ने बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव अब्दुल मन्नान भुइयां से ढाका स्थित उनके निवास पर भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल ने बंगलादेशी संसद में अपने सदस्यों के लिए 50 स्थान दिए जाने की मांग की है। महाजोट के सलाहकार अनिल डे ने बताया कि भुइयां को उन्होंने अपनी यह मांग स्पष्ट से बता दी है। उन्होंने कहा कि बंगलादेश में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने हिन्दुओं के वोट तो प्राप्त किए हैं मगर किसी ने भी उनकी भलाई की चिंता नहीं की है। प्रतिनिधिएक ओर जहां पाकिस्तान, भारत के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखकर दोनों देशों के बीच समस्याओं के समाधान का दिखावा कर रहा है वहीं दूसरी ओर बड़ी चालाकी से भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। अमरीकी दबाव के कारण जहां पाकिस्तान ने वरीरिस्तान में तालिबानी आतंकी संगठनों पर प्रहार किया है वहीं इस्लामाबाद बड़ी संख्या में तालिबानी आतंकियों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में फिर से तैनात करके, नियंत्रण रेखा के पार भारतीय क्षेत्र में उत्पात मचाने की जी तोड़ कोशिश में जुटा है।अमरीकी खुफिया एजेन्सी सीआईए के पूर्व गुप्तचरों से मिली खबरों से पता चलता है कि पाकिस्तान के सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी आज भी तालिबानी संगठनों के साथ सम्पर्क बनाए हुए हैं और उन्हें भरपूर सहयोग दे रहे हें, जिससे न तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सके और न ही आतंकी कारवाई से रोका जा सके। गार्जियन में छपी एक खबर के अनुसार पाकिस्तान में पिछले साल तैनात सीआईए के पूर्व अधिकारी आर्ट केलर ने दावा किया है कि आईएसआई के पूर्व अध्यक्ष हमीद गुल तथा दूसरे वरिष्ठ सैनिक अधिकारी तालिबान का समर्थन कर रहे हैं।केलर ने कहा है कि सेवानिवृत्त सैनिक अधिकारी जनरल हमीद गुल के दिखाए रास्ते पर चलकर ऐसा कर रहे हैं। पता चला है कि तालिबानियों ने सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिक अधिकारियों को अफगानिस्तान से उस समय सकुशल वापस निकाला जब 11 सितम्बर की घटना के बाद अमरीका तथा उसकी गठबंधन सेनाओं ने कुन्दुज में उन्हें घेर लिया था। ये सैनिक अधिकारी पाकिस्तानी मदरसों द्वारा तैयार किये गये तालिबानी आतंकियों के लिए गाइड, प्रशिक्षक तथा विस्फोटकों का प्रबन्ध कर रहे थे। जनरल गुल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इन सैनिक अधिकारियों की सकुशल पाकिस्तान वापसी के लिए हवाई जहाजों की व्यवस्था की। केलर ने यह भी खुलासा किया है कि अमरीकी सैनिकों ने कई दिनों तक कुन्दुज पर हमले की कार्रवाई को रोके रखा जिससे पाकिस्तानी सेना तालिबानियों की सहायता कर रहे अपने अधिकारियों को सुरक्षित पाकिस्तान पहुंचा सके। इससे लगता है कि अमरीकी खुफिया एजेन्सी सीआईए और पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई के बीच कितना तालमेल था।जनरल हमीद गुल एक समय आईएसआई प्रमुख थे। गार्जियन से बातचीत में वह कई बार स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान सरकार तालिबान को केवल नैतिक समर्थन देती है और उन्हें कोई सैनिक सहायता नहीं दी जाती। हमीद गुल ने यह भी स्वीकार किया था कि इसके पीछे पाकिस्तान का कोई गुप्त एजेंडा नहीं है।पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में अफगानी आतंकवादियों को फिर से तैनात करने की कार्रवाई उसी चाल का हिस्सा है जिसके अधीन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना के आगे रखा जाता है। केलर की रपट से पता चलता है कि वजीरिस्तान में तैनात पाकिस्तानी सैनिक अपने ठिकानों में चुपचाप बैठे रहते हैं और कुछ कार्रवाई नहीं करते। इलाके में अल कायदा के लगभग दो हजार आतंकवादी हैं। केलर के अनुसार पाकिस्तानी सैनिक अधिकारी यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वहां कुछ भी गलत नहीं हो रहा। क्योंकि अगर वह कोई दूसरी कार्रवाई करते हैं तो इससे पता चल जाएगा कि वे इस समय जानबूझकर कुछ नहीं कर रहे।केलर का कहना है कि परदे के पीछे इस प्रकार की कार्रवाई से सैनिक अधिकारियों के बीच फूट पड़ गई है। रपट में यह भी कहा गया है कि जनरल मुशर्रफ ने विवादग्रस्त शांति समझौते से आतंकियों के साथ हिंसा खत्म करने का जो प्रयास किया वह नाकाम हो गया है। हाल के महीनों ने तालिबान का प्रभाव कबाइली इलाके से बढ़कर उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत तक पहुंच गया है। यह प्रभाव पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी दिखने लगा है क्योंकि पश्तूभाषी आतंकवादी गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद के पास जमा हो गए हैं। इससे लगता है कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादी अब विदेशी होंगे जो कश्मीर के कुछ हिस्सों से विसैन्यीकरण की मुशर्रफ की मांग का अनुचित फायदा उठाएंगे। अडनी38

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