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हवाला से 10,000 करोड़ रु. आएकट्टरवादी और अपराधी सक्रिय-प्रदीप कुमारकेन्द्रीय गुप्तचर एजेंसियों ने यह खुलासा किया है कि केरल तेजी से देश की “हवाला राजधानी” बनता जा रहा है, क्योंकि राज्य में इस्लामी कट्टरवादी और अन्य आतंकवादी गुटों को सेकुलर राजनीतिक दलों की शह मिली हुई है।राज्य के गृह मंत्री कोडियरी बालकृष्णन ने हाल ही में विधानसभा में खुद घोषणा की कि करीब 10,000 करोड़ रु. राज्य में हवाला के जरिए भेजे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से अधिकांश नकली मुद्रा है। गृहमंत्री को यह भी स्वीकारना पड़ा है कि अनेक कट्टरवादी और आपराधिक तत्व हवाला संजाल में लिप्त हैं। इस घोटाले के मुख्य अपराधी अब्दुल हिलाल पर मराड हमले के अपराधियों को पैसा देने का भी आरोप है। इस हमले में 8 हिन्दू मछुआरों की हत्या कर दी गई थी।हाल ही में इंटरपोल के वांछित अपराधी के.एस. अब्दुल्ला की दुबई में गिरफ्तारी साफ दर्शाती है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइ.एस.आई. कितनी दूर और कितनी गहराई तक अपना शिकंजा गढ़ा चुकी है। राज्य में आई.एस.आई. इस्लामी जिहादियों को नकली मुद्रा पहुंचा रही है। अब्दुल्ला की गिरफ्तारी से केरल के मल्लप्पुरम, कोझीकोड और कासरगोड जैसे मुस्लिम बहुल जिलों में चल रहे नकली नोटों के व्यापार का भंडाफोड़ राजस्व गुप्तचर विभाग ने किया है। इसके आधिकारियों ने इसमें किसी उच्च तकनीकी छपाई सुविधायुक्त विदेशी संस्था की मिलीभगत का संदेह जताया है।राजनीतिक पर्यवेक्षकों को संदेह है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पायेगी क्योंकि मराड नरसंहार के अपराधियों को बचाने में माकपा और कांग्रेस दोनों की भूमिका है और माफिया से उनके संबंध उजागर हो चुके हैं। आरोप हैं कि इस्लामी कट्टरवादी गुट का एक प्रमुख नेता मुन्नार के होटल में एक बड़े माकपा नेता से मिला भी था।हाल ही में केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य में मौजूदा परिस्थितियों से यह माहौल बना है कि पुलिस पर माफिया की पकड़ बन गयी है जो गृह मंत्रालय संभाल रही माकपा की असफलता की ओर इशारा करता है। अदालत ने यह बात एक हवाला घोटालेबाज के अपहरण से जुड़े मामले में फैसला सुनाते समय कही थी। इस बात की भी खबरें हैं कि एक उत्तरी केरल स्थित इस्लामी आतंकवादी गुट स्वतंत्रता दिवस से पूर्व राज्य में गड़बड़ी फैलाने की योजना बना रहा है।केन्द्रीय एजेंसियां राज्य के मुस्लिम बहुल इलाकों में सम्पत्ति की खरीद-फरोख्त की जांच कर रही हैं। इस बीच इन एजेंसियों ने राज्य के गृह विभाग को चेतावनी दी है कि राज्य के वायनाड और इडुक्की के जनजातीय इलाकों में बड़ी संख्या में आतंकवादी तत्वों के घुस आने की संभावना है।कन्नूर में एक प्रेस वार्ता में प्रसिद्ध वनवासी नेता श्री रामन कोयोन ने कहा कि “आदिवासी गोत्र महासभा” के नेता अपने साथियों को संभावित संघर्ष के लिए तैयार कर रहे हैं।हाल ही में गिरफ्तार तीन तमिल कट्टरवादियों ने जानकारी दी है कि उन्होंने केरल के चालीस कालेज छात्रों को हथियारों का प्रशिक्षण दिया है। इस रहस्योद्घाटन के बाद गुप्तचर एजेंसियों ने राज्य में, विशेषकर केरल के कई जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है।जानकारों का कहना है कि आई.एस.आई. पूर्व माओवादियों को फिर से संगठित करके वनवासी युवाओं को अपने मजहबी उन्माद का पाठ पढ़ा रही है। राज्य की राजधानी में तैनात केन्द्रीय गुप्तचर ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा है। उसने बताया कि कम से कम 11 कट्टर इस्लामी गुट हमला करने के लिए उचित मौके की तलाश में तैयार बैठे हैं। इस्लामी संगठन, जैसे, सालिडेरिटी और एन.डी.एफ. विशेष रूप से वनवासियों का समर्थन पाने के लिए उनके मुद्दे उठा रहे हैं। इन इस्लामी गुटों के अलावा बड़ी संख्या में चर्च के पैसे पर पल रहे गैर सरकारी संगठन भी वायनाड में सक्रिय हैं और उनकी गतिविधियां संदेह के घेरे में हैं। सूत्रों के अनुसार जितने गैर सरकारी संगठन पूरे केरल में हैं उससे भी ज्यादा अकेले वायनाड में हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिर इन संगठनों ने गरीबों के लिए कौन सा विकास कार्य किया है। ज्यादातर संगठन भोले-भाले वनवासियों के मतांतरण में जुटे हैं। इस समय राज्य में परिस्थितियां एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी हैं जहां सेकुलर राजनीतिज्ञ, मुस्लिमों और ईसाई कट्टरवादियों तथा आतंकवादियों को तुष्ट करने के लिए एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं। जब तक प्रभावी कदम नहीं उठाये जाते, राज्य एक गंभीर संकट के कगार पर बना रहेगा।37
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