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सरकारी आदेश में कहा गया-न घर-घर ईसाई प्रचार हो, न लालच देकर ईसाई बनाया जाएकम्बोडिया सरकार ने अपने देश में गैर-बौद्ध संगठनों की मजहबी गतिविधियों पर लगाम लगाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसके पहले चरण के अंतर्गत वहां ईसाई मतान्तरण पर रोक लगा दी गई है तथा ईसाई गुटों द्वारा लोगों के घरों में जाकर मतान्तरण के प्रचार को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।कम्बोडिया के उपासना व पांथिक मंत्रालय द्वारा जारी एक दिशानिर्देश में कहा गया है- “ईसाइयों को लोगों के घरों के दरवाजे खटखटाकर “ईश्वर पहुंच गए हैं” कहना अब प्रतिबंधित किया जाता है।” ईसाइयत के प्रचार का साहित्य भी केवल चर्चों में ही बांटा जा सकेगा। अब वहां चर्च भी सरकार की पूर्वानुमति के बिना नहीं बनाए जा सकते। कम्बोडिया में बौद्ध धर्म को मानने वाले अधिक हैं और पिछले काफी समय से वहां बौद्ध परिवारों के छोटे बच्चों को मतान्तरित करने की कोशिश की खबरें भी मिली थीं। ईसाई मिशनरी बच्चों को टाफियां, मिठाइयां देकर बौद्ध धर्म को छोड़ने की घुट्टी पिलाया करते थे। कई चर्च समूह मुफ्त खाना, कपड़ा देने के बहाने अंग्रेजी सिखाया करते थे और इसी में आगे चलकर चर्च और ईसाइयत का पाठ पढ़ाया करते थे। मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है कि पैसे, सामान या किसी अन्य तरीके से दूसरे धर्म के अनुयायियों को मतान्तरित करने पर रोक लगाई जाती है। चर्च की इन गतिविधियों से समान्य जनजीवन बाधित होता है तथा अन्य तरह की परेशानियां खड़ी होती हैं। 1999 और 2003 में भी कुछ इसी तरह के आदेश पारित किए गए थे। कहा गया है कि जो भी ईसाई गुट इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा उसे सजा दी जा सकती है। कम्बोडिया के कैथोलिक आमतौर पर शांति से रहते आए थे मगर हाल के कुछ वर्षों में मतान्तरण समूहों के कारण समस्या पैदा हुई थी। पिछले साल सैकड़ों गांव वालों ने ईसाई मिशनरियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। “बौद्ध धर्म जिन्दाबाद” “ईसाइयों का नाश हो” आदि नारे लगाते हुए ग्रामीणों की भीड़ ने राजधानी के बाहर एक ईसाई शिक्षक के घर में तोड़-फोड़ की थी। सन् 2003 और 2004 में कई चर्च की इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया था। -प्रतिनिधि29
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