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उत्तर प्रदेशमुलायम की दंगाई राजनीतिउत्तर प्रदेश में इस सप्ताह घटी हिंसा और अराजकता की घटनाओं ने 1990 जैसे हालात की याद दिला दी है। जिस तरह 1990 में मुलायम सिंह के शासन काल में हिंसा और अराजकता बढ़ गई थी और करीब 42 जिलों में कफ्र्यू या कफ्र्यू जैसी स्थिति बन गई थी ठीक वही हालात आज बन गए हैं। मुलायम सरकार की शह पर मजहबी कट्टरवादी एक बार फिर प्रदेश को हिंसा की आग में झोंक रहे हैं। गोरखपुर समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में स्थिति इस कदर बिगड़ गई है जिसे संभालना मुश्किल हो गया है। मामूली विवाद को लेकर गोरखपुर में मजहबी कट्टरवादियों की हिंसा ने विकराल रूप धारण कर लिया है।मुख्यमंत्री मुलायम सिंह कांग्रेस की तरफ भाग रहे मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट रखने की साजिश के तहत मजहबी कट्टरवादियों को कथित बढ़ावा दे रहे हैं। गत 27 जनवरी को कुछ मुस्लिम तत्वों द्वारा एक हिन्दू व्यवसायी के पुत्र राजकुमार अग्रहरि की हत्या और उसके बाद गोरखपुर तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया, वाराणसी, आजमगढ़, कुशीनगर, पडरौना, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती मऊ‚ समेत 20 से अधिक जिलों में हिंसा और अराजकता इसी साजिश का परिणाम है। हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी और भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ को जेल भेजने की घटना क्रोधित हिन्दू जनमानस को दबाने की साजिश है। योगी आदित्यनाथ का कहना है कि मुलायम सिंह सरकार पूरे प्रदेश को जिहादियों के हवाले कर देना चाहती है। बहरहाल, इसमें कोई शक नहीं है कि गोरखपुर में अराजकता फैलाने की साजिश महीनों से चल रही थी। पूर्वी उ.प्र. आज भयानक हिंसा और तनाव से गुजर रहा है। लखनऊ प्रतिनिधिगोरखपुर काण्ड- वार दर वार0 26 जनवरी (शुक्रवार) की शाम शहर के कोतवाली थाना अंतर्गत डी.ए.वी. डिग्री कालेज के पास मोहर्रम जुलूस में शामिल कुछ मुस्लिम युवकों ने राजकुमार अग्रहरि नाम के 25 वर्षीय हिन्दू युवक की, पुलिस की जीप से नीचे उतारकर, धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी। 0 28 जनवरी को इस घटना के विरोध में राजकुमार अग्रहरि के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी एवं भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ, नगर विधायक प्रो. राधामोहन दास अग्रवाल, एम.एल.सी. वाई.डी. सिंह, पूर्व मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, राकेश सिंह पहलवान सहित हिन्दू जागरण मंच, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, भा.ज.यु.मो., भाजपा व अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर, गोरखपुर के जिला कारागार में बन्द कर दिया गया। गोरखपुर की सीमा से सटे कुशीनगर जिले की एक यज्ञशाला को मुसलमानों द्वारा तोड़कर आग लगा दिए जाने के बाद प्रशासन ने पूरे जिले में कफ्र्यू लगा दिया है। समाचार लिखे जाने तक योगी सहित अन्य नेताओं की रिहाई की प्रशासन द्वारा कोई चर्चा नहीं है। 0 26 जनवरी की घटना के पूर्व सद्दाम हुसैन को फांसी दिये जाने के विरोध में मुसलमानों द्वारा निकाले गये जुलूस के दौरान जुलूस में शामिल लोगों ने गोरखपुर शहर के गोलघर व बख्शीपुर की दुकानों में तोड़-फोड़, लूट-पाट करने के साथ ही व्यापारियों को मारा-पीटा। इस मुद्दे को लेकर प्रशासन एकदम मौन रहा। इसके विरोध में योगी व अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के आह्वान पर महानगर बंद रहा। 0 23 जनवरी की रात मोहर्रम के जुलूस के दौरान जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने एक हिन्दू व्यापारी के घर पर बिना कारण ही तोड़-फोड़ और पथराव किया। उसी रात एक बेवजह विवाद खड़ा किया गया। 0 24 जनवरी को एक सम्मानित व्यापारी परिवार की महिला के साथ कुछ मुसलमानों ने अभद्र व्यवहार किया। 0 25 जनवरी की रात कोतवाली थाना क्षेत्र में निकाले गए मोहर्रम जुलूस के दौरान 17 वर्षीय हिन्दू बालिका के साथ कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा छेड़-छाड़ करने का प्रयास करना और इसके बचाव में राजकुमार अग्रहरि का बीच में आना और बालिका को सुरक्षित घर तक पहुंचा देना ही 26 जनवरी की रात उसकी हत्या का कारण बना। राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेन्द्र प्रसाद अग्रहरि शहर के दीवान बाजार के रहने वाले हैं। साहबगंज में उनकी गल्ले की दुकान है। समाचार लिखे जाने तक गोरखपुर शहर के चार थाना क्षेत्रों तिवारीपुर, राजघाट, कोतवाली, गोरखनाथ में कफ्र्यू जारी है। मण्डलीय कारागार, गोरखपुर में बंद योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक साजिश के तहत आई.जी. जगमोहन यादव को भेजा है क्योंकि इसके पहले भी आई.जी. के संदिग्ध आचरण के कारण कई बार विवाद हो चुका है। योगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उनके खिलाफ साजिश रच रही है। यह बात हिन्दू समाज भी जानता है कि पुलिस किसके इशारे पर उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हिन्दुओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। हिन्दू समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। -पवन कुमार अरविन्द (वि.सं.के., गोरखपुर)7
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