नेपाल की चिट्ठी
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

नेपाल की चिट्ठी

by
Oct 6, 2007, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Oct 2007 00:00:00

काठमांडू से रामाशीषमधेश आन्दोलन पृथकतावादी नहीं-प्रदीप गिरिवरिष्ठ नेता, नेपाली कांग्रेस (प्रजातांत्रिक)मधेश आंदोलन के संदर्भ में नेपाली राजनीति के वरिष्ठ नेता और समाजवादी चिन्तक श्री प्रदीप गिरि से संक्षिप्त बातचीत के अंश-आप पहाड़ी नेता हैं या मधेशी नेता?जिस सन्दर्भ में आज मधेश आन्दोलन हो रहा है और आन्दोलन ने जिस प्रकार कुछ सवालों को आगे किया है, उस संदर्भ में विशुद्ध रूप में मधेश में जन्मे, पले-बढ़े होने के कारण मैं यहां के पहाड़ी मूल का नेता हूं। यह कहने में मुझे कोई संकोच नहीं कि मैं जिस पहाड़ी मूल का नेता हूं उसी मूल के नेताओं द्वारा मधेश क्षेत्र के साथ अन्याय के कारण आज यह स्थिति आयी है। मधेश के प्रत्येक जिले में मधेश मूल के नहीं अपितु पहाड़ी मूल के नेताओं को थोपा गया। आपको पता है, सुन्सरी जिले में महाबली दिलबहादुर श्रेष्ठ हुआ करते थे, मेरे सिरहा जिले में कृष्णचरण श्रेष्ठ हुआ करते थे। हालांकि आज वे नहीं रहे पर वे सामाजिक व्यक्ति थे। जिस मूल का मैं प्रतिनिधित्व करता हूं, आज उसी की शासन शैली से मधेश पीड़ित है। मैं शासक की दृष्टि से पहाड़ी मूल का हूं और संख्या के हिसाब से, भाषा के हिसाब से, बोली के हिसाब से, सर्वोपरि प्रेम और प्रतिबद्धता के हिसाब से मधेशी संस्कृति के प्रति प्रतिबद्ध हूं।मान लें कि यदि मधेश संघीय राज्य बन गया और फिर भी नेपाल राज्य उसके लिए रुाोत नहीं जुटा सका तो समस्या और भी गंभीर होती चली जायेगी। उस स्थिति में क्या मधेश पृथकतावादी आंदोलन में जुट जाएगा?मधेश की आज तक की जो भावना है, उसमें कहीं भी पृथकतावाद और अलगाववाद की गंध तक नहीं है। यह बात मैं जानकारी के आधार पर बता रहा हूं। दूसरी बात, मधेश जिस अधिकार की मांग कर रहा है वह मधेश को और समृद्ध बनायेगा। दुर्भाग्यवश मधेश के अधिकांश नेता नेकपा माओवादियों द्वारा ही शिक्षित और दीक्षित हैं इसलिए आज भी उन लोगों में हिंसा के प्रति काफी विश्वास दिखता है।…उपेन्द्र को मिलाकर?उपेन्द्र भी, एक हद तक पर वे शायद उतना अधिक आगे नेतृत्व स्तर तक नहीं पहुंचे थे। वह भी नेकपा माओवादियों के साथ गहरा और गंभीर साथ निभा चुके हैं। इसमें कोई शंका नहीं है। लेकिन, वैसी हिंसात्मक मानसिकता मधेशी आन्दोलन को केवल हानि पहुंचायेगी। इसलिए जितनी जल्दी इस समस्या का समाधान हो सके, उतना ही अच्छा होगा।माओवादी हिंसाचार पर मधेशियों की लगाम!बिहार के सीतामढ़ी जिले से सटे नेपाल के रौतहट जिले के जिला मुख्यालय गौर शहर में पिछले दिनों माओवादियों द्वारा मधेशी जनाधिकार फोरम की जनसभा पर किए गए हमले का फोरम के कार्यकर्ताओं तथा स्थानीय मधेशियों ने जमकर प्रतिकार किया। अधिकृत सूचना के अनुसार 27 माओवादी मारे गए जबकि स्थानीय सूत्रों के अनुसार लगभग सौ से अधिक माओवादियों की मृत्यु हुई है। वास्तव में माओवादी हिंसाचार पर लगाम लगाने में फोरम के कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों को ऐतिहासिक सफलता मिली है।उल्लेखनीय है कि माओवादियों के पिछले दस वर्षों के तथाकथित जनयुद्ध (आतंक) के दौरान बच्चों, महिलाओं और वृद्धों सहित लगभग 14 हजार निर्दोषों की नृशंस हत्या हुई, 56 हजार लोगों को विकलांग बना दिया गया और लगभग तीन लाख नेपाली परिवार विस्थापित हुए, उनकी सारी सम्पत्ति माओवादियों ने लूट ली। ऐसे माओवादियों से तराई की जनता ने बम और बन्दूकों से नहीं बल्कि लाठियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सामना किया है। अब तो खुलेआम लोग इस बात को स्वीकार करने लगे हैं कि माओवादियों के पांव मधेश अर्थात् तराई से उखाड़ दिए गए हैं।इसके बावजूद माओवादियों के एक प्रकार से प्रभाव में काम कर वर्तमान अन्तरिम सरकार ने उक्त घटना की जांच के लिए तुरत-फुरत आयोग गठित कर दिया जिसकी जांच अभी जारी है।नेपाल की दक्षिणी सीमा के लगभग एक करोड़ हिन्दीभाषी भूमिपुत्रों अर्थात् मधेशियों ने अब अपनी शक्ति पहचान ली है और राज्य व्यवस्था के हर अंग में अपनी हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। फोरम ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला और प्रमुख विपक्षी नेता माधव कुमार नेपाल की ओर संकेत करते हुए कहा है कि हिन्दी भाषी मधेशियों के आन्दोलन के दौरान वर्तमान गृहमंत्री कृष्ण प्रसाद सिटौला की शह पर पुलिस ने 42 मधेशियों को गोली से उड़ा दिया, फिर भी उक्त गोलीकांड की जांच कराने के लिए सरकार ने न तो कोई आयोग गठित किया और न ही मारे गए अथवा घायल हुए मधेशियों को कोई मुआवजा दिया गया। जबकि इसके ठीक विपरीत मधेशी आन्दोलन के दो महीने बाद खुद के हमले के प्रतिकार में मारे गए माओवादियों की घटना की जांच के लिए आनन-फानन में तीसरे दिन ही आयोग गठित कर दिया गया था।उल्लेखनीय है कि नेपाल के लगभग सभी पहाड़ी मूल के नेता, जिनमें गिरिजा प्रसाद कोइराला, कम्युनिस्ट नेता माधव कुमार नेपाल, सुशील कोइराला और गृहमंत्री कृष्ण सिटौला आदि शामिल हैं, हिन्दीभाषी मधेशी बहुल तराई क्षेत्र से संसद की अधिकांश सीटों पर विजयी होते रहे हैं। आश्चर्य तो यह है कि पहाड़ी चुनाव क्षेत्र से केवल आठ हजार की आबादी के लिए एक संसदीय सीट है जबकि हिन्दीभाषी मधेशी-बहुल तराई क्षेत्र से एक और डेढ़ लाख की आबादी लिए भी एक ही सीट है। हालांकि सच्चाई यह है कि नेपाल के सरकारी खजाने में हिन्दीभाषी मधेशी क्षेत्र तराई 83 प्रतिशत राजस्व का योगदान करता आ रहा है।35

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies