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निशाने पर फिर अयोध्या?-लखनऊ‚ प्रतिनिधि के साथ अयोध्या से अशोक चटर्जीभगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या पर आतंकवादी हमलों का खतरा बढ़ गया है। गुप्तचर एजेन्सियों की इस रपट के बाद अयोध्या में सतर्कता बढ़ा दी गई है। 5 जुलाई को श्रीराम जन्मभूमि पर हमला हुए दो साल हो जाएंगे है। सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि आतंकवादी इसी के आसपास फिर से किसी बड़े हमले की कोशिश में हैं। उल्लेखनीय है कि 5 जुलाई, 2005 को अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर लगभग आधा दर्जन आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों एवं बमों से हमला बोल दिया था। वे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को कोई नुकसान पहुंचा पाते इससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें मार गिराया। इस संघर्ष में सुरक्षा बलों के अनेक जवान भी घायल हो गए थे। बाद में पता चला कि ये आतंकवादी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को उड़ा देने की कोशिश में थे। यह प्रकरण अभी न्यायालय में लंबित ही है कि फिर से आतंकवादी हमले के संकेत मिले हैं।दरअसल पूरा उत्तर प्रदेश लश्कर-ए-तोयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हूजी नामक आतकवादी संगठनों के गढ़ के रूप में बदल चुका है। इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. की सुनियोजित रणनीति काम कर रही है। वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर पर हमला एवं श्रमजीवी एक्सप्रेस में बम विस्फोट सहित अनेक आतंकवादी घटनाओं में भी आई.एस.आई. द्वारा प्रेरित आतंकवादी संगठनों का हाथ रहा है। पिछले दिनों राजधानी लखनऊ‚ में हूजी समर्थित लगभग एक दर्जन आतंकवादी पकड़े गए। पुलिस भले ही इसे अपनी बड़ी सफलता मान रही हो लेकिन अयोध्या के पास स्थित प्रदेश की राजधानी में ऐसे खूंखार आतंकवादियों की गिरफ्तारी खतरनाक संकेत है।करीब दो सप्ताह पहले सीतापुर में विस्फोटक पदार्थ (आर.डी.एक्स.) ले जा रहे दो मोटर साइकिल सवारों में से एक की विस्फोट होने से मौत हो गई थी। सीतापुर विस्फोट को पुलिस सामान्य घटना मान रही थी। लेकिन 24 जून को लखनऊ‚ में गिरफ्तार दो आतंकवादियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह विस्फोटक पदार्थ एक बड़ी आतंकवादी साजिश के लिए ले जाया जा रहा था। इन दोनों आतंकवादियों ने बताया कि वे इस्लाम उल हिन्द के सदस्य हैं। गिरफ्तार आतंकी मो. सलीम औरअसलम हरदोई के रहने वाले हैं। हरदोई निवासी आलम उर्फ मो. अमन और आफताब इनके सहयोगी थे। मोटर साइकिल सड़क पर एक अवरोधक से टकराकर गिर गई, जिससे विस्फोट हो गया और एक आतंकवादी मारा गया। उनकी योजना उत्तर प्रदेश परिवहन की एक वातानुकूलित बस में विस्फोट करने की थी। पुलिस के विशेष कार्य बल ने खुलासा किया कि इस्लाम उल हिन्द ने ही सन् 1993 में 5 दिसम्बर को देश की पांच प्रमुख ट्रेनों में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट किए थे। 24 जून को लखनऊ‚ में दो आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई और उसी दिन कोलकाता में हूजी के 6 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए। इन आतंकवादियों का सरगना हूजी का आतंकवादी जलालुद्दीन उर्फ बाबू भाई था। बाबू भाई को लखनऊ‚ में गिरफ्तार किया गया था और उसी से पूछताछ के बाद कोलकाता पुलिस ने 6 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। बाबू भाई हूजी (हरकत जेहाद उल इस्लाम) का भारत में स्वयंभू प्रमुख है। इसी के इशारे पर हैदराबाद की मक्का मस्जिद, वाराणसी के विश्वनाथ मन्दिर और श्रमजीवी एक्सप्रेस में विस्फोट किए गए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि बाबू भाई की गिरफ्तारी के समय उसके पास से एक ए.के.47 के साथ ही कई स्वचालित हथियार और गोला बारूद व आर.डी.एक्स. भी बरामद हुआ है।दरअसल पिछले तीन साल में (मुलायम सिंह यादव की सरकार के समय) उत्तर प्रदेश मुस्लिम कट्टरपंथियों और आई.एस.आई. एजेंटों की शरणस्थली बन गया था। हालांकि बीच-बीच में कुछ गिरफ्तारियां भी होती रहीं लेकिन कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया और जांच भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई। पिछले एक साल में हूजी के आतंकवादी वलीउल्ला (इलाहाबाद), महबूब अली (पश्चिम बंगाल), मो. रिजवान (ज्योतिबा फुले नगर), सैयद सोयब और फरहान (लखनऊ‚), मो. साद अली (ज्योतिबा फुले नगर), मो. याकूब और नासिर (बिजनौर), मो. नौशाद (नगीना-बिजनौर) और जलालुद्दीन (प. बंगाल) को उत्तर प्रदेश पुलिस गिरफ्तार करने में सफल रही। यह भी बताया जाता है कि कोलकाता में गिरफ्तार किये गये 6 आतंकवादियों ने स्वीकार किया कि उन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया था।उत्तर प्रदेश आतंकवादियों के लिए अब सुरक्षित स्थल माना जाने लगा है। नेपाल की सैकड़ों कि.मी. सीमा उत्तर प्रदेश से सटी हुई है। इसी सीमा से आतंकवादी बेरोकटोक भारत में प्रवेश कर रहे हैं और इन्हें उत्तर प्रदेश के मुस्लिमबहुल इलाकों में शरण मिल रही है। पुलिस विभाग के सूत्रों के माने तो उत्तर प्रदेश में तकरीबन 50 जिलों में आई.एस.आई. का तंत्र है। मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, गाजियाबाद, हापुड़, आगरा, बिजनौर, कानपुर, लखनऊ‚, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, सुल्तानपुर, मिर्जापुर आदि जिलों में यह संगठन खासा सक्रिय है।खुफिया सूत्रों के अनुसार अयोध्या इनके संभावित हमले का अगला निशाना हो सकता है और श्रीराम जन्मभूमि पर बना अस्थाई मंदिर मुख्य रूप से इनका लक्ष्य है। इसी को ध्यान में रखकर और 5 जुलाई की तारीख नजदीक देख सुरक्षा एजेन्सियां सतर्क हो गई हैं और श्रीराम जन्मभूमि सहित पूरे अयोध्या और फैजाबाद में सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम कर दिये गये हैं। खुफिया एजेन्सियां संभावित खतरों के बारे में राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को रपट भेज चुकी हैं और आसपास के जिलों को भी सतर्क कर दिया गया है। हालांकि खुले रूप से न तो राज्य शासन और न ही पुलिस विभाग इस बारे में कुछ बोलने के लिए तैयार हैं।27
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