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गलत काम के खिलाफ विद्रोह देश के प्रति पहला कर्तव्य-जार्ज फर्नांडीस, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं संयोजक, राजगकर्नाटक के गुलबर्गा नगर में शहीद भगत सिंह की जन्म शताब्दी का दो दिवसीय समारोह मनाया गया। यह समारोह कर्नाटक हिन्दी प्रचार सभा के सहयोग से अमर शहीद सरदार भगत सिंह शतमानोत्सव समिति द्वारा आयोजित किया गया था, जिसके पहले दिन राजग के संयोजक श्री जार्ज फर्नांडीस, पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं बिहार के पूर्व राज्यपाल श्री रामा जॉयस, गुलबर्गा के पुलिस अधीक्षक श्री रूपक कुमार दत्ता एवं हिन्दू महासभा की अध्यक्षा श्रीमती हिमानी सावरकर शामिल हुर्इं। इस अवसर पर शहीद भगत सिंह तथा अन्य महान क्रांतिकारियों पर केन्द्रित एक भव्य चित्र प्रदर्शनी का श्री जार्ज फर्नांडीस ने उद्घाटन किया। सार्वजनिक कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति रामा जॉयस ने किया। हिन्दू महासभा की अध्यक्षा श्रीमती हिमानी सावरकर समारोह में मुख्य वक्ता थीं। सायंकाल देशभक्ति के गीतों का रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। श्री जार्ज फर्नांडीस ने भगत सिंह के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि किसी भी गलत काम के खिलाफ विद्रोह करना देश के प्रति पहला कर्तव्य है। श्री रामा जॉयस ने सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता पर बल देते हुए भगत सिंह के हौतात्म्य को युवा पीढ़ी का आदर्श बताया।अगले दिन (24 मार्च को) विशाल समापन कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसके मुख्य अतिथि पाञ्चजन्य के सम्पादक श्री तरुण विजय थे। इस अवसर पर प्रसिद्ध समाजवादी नेता एवं जनता पार्टी के विधायक श्री बैजनाथ पाटिल तथा पूर्व सांसद एवं हैदराबाद- कर्नाटक विकास अभियान के प्रणेता श्री बसवराज पाटिल ने अध्यक्षता की। शहीद भगत सिंह शतमानोत्सव समिति के कार्याध्यक्ष श्री विद्याधर गुरुजी ने अपनी 93 वर्ष की आयु को “अस्वीकार” करते हुए तरुणाई की भावना से कार्यक्रम का प्रस्ताविक एवं स्वागत भाषण किया। श्री तरुण विजय ने इस अवसर पर भगत सिंह विशेषांक “शहीद” का विमोचन किया एवं समिति द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए।श्री तरुण विजय ने कहा कि यदि हम अनीति, अन्याय और अनाचार के विरुद्ध लड़ते हुए बगावत नहीं कर सकते तो हमें भगत सिंह के स्मरण का अधिकार नहीं है। उन्होंने समाज में व्याप्त पाखंड और जातिवादी व्यवहार पर भी प्रहार किए। श्री विद्याधर गुरुजी ने कर्नाटक में हिन्दी और राष्ट्रीयता के प्रचार हेतु कर्नाटक हिन्दी प्रचार सभा की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए क्रांतिकारियों के जीवन का अनुसरण करने का आह्वान किया। श्री बसवराज पाटिल राजनीति से परे इस क्षेत्र के सामाजिक शैक्षिक एवं सांस्कृतिक विकास में जुटे हैं। उन्होंने भगत सिंह को विद्या और वीरता का प्रतीक बताया। विद्या कुमार तिवारी16
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