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विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित तेरहवीं धर्म संसद में उपस्थित सन्त समाज का यह दृढ़ विश्वास है कि प्रभु श्रीराम ने जिसे धारण किया वही धर्म है। इसलिए कहा गया है कि “रामो विग्रहवान धर्म:”। जैसा उन्होंने व्यवहार किया वही इस देश का आदर्श व्यवहार है, वही सदाचार है, वही शिष्टाचार है। समाज उन्हीं का पालन संस्कृति मानकर करता है। उन्हीं के आदर्श जीवन को अपनी आंखों के सामने रखकर देश रामराज्य की कल्पना करता है।भारत और श्रीलंका के बीच सेतुबन्ध रामेश्वरम् की निर्मिति प्रभु श्रीराम ने की है, यह भारत के जन-जन का विश्वास है। समाज मानता है कि प्रभु श्रीराम के भारत से लंका जाने के लिए वानर सेना ने इस सेतु का निर्माण किया था। यह वर्णन हमारे सभी प्राचीन ग्रन्थों में तथा जिन-जिन भाषाओं में भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र लिखा गया, उन सभी रामायणों में है। कोई भी रामयण सेतु के वर्णन से अछूती नहीं है। श्रद्धा और विश्वास को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं।स्कन्द पुराण के अनुसार स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने भविष्य में होने वाले राजाओं का आह्वान करते हुए कहा कि-भूयो भूयो भाविनो भूमिपाला नत्वा नत्वा याचते रामचन्द्र:।सामान्योऽयं धर्मसेतुर्नराणां काले काले पालनीयो भविद्धि:।।अर्थात् भविष्य में होने वाले हे राजाओ! यह रामचन्द्र आप लोगों से अत्यन्त विनम्रतापूर्वक प्रणाम कर बारम्बार याचना करता है कि मेरे द्वारा बांधे हुए धर्मसेतु की रक्षा आप सदैव करते रहें।रामसेतु को तोड़कर समुद्र में नहर बनाने की शासन की हठधर्मिता से सम्पूर्ण सन्त समाज आहत है। यह परियोजना किसी भी प्रकार भारत की सुरक्षा के हित में नहीं है। दक्षिणी भारत के लाखों मछुआरों को इस परियोजना के कारण भुखमरी का शिकार होना पड़ेगा। भारत के नाभिकीय वैज्ञानिक जिस थोरियम तत्व द्वारा ऊर्जा उत्पादन के अनुसंधान में लगे हैं, उसका संसार का विशालतम भण्डार हमारे हाथों से निकलने की परिस्थितियां निर्माण हो जाएंगी। भारत विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में कभी भी स्वावलम्बी नहीं हो पाएगा। बहुमूल्य दुर्लभ सामुद्रिक वनस्पति प्रजातियां तथा समुद्री जीव-जन्तुओं की सैकड़ों प्रजातियां नष्ट हो जाएंगी, जिन प्रजातियों की रक्षा के लिए भारत सरकार मंत्रालय खोलती है। सुनामी जैसी आपदा आने पर तटवर्ती क्षेत्रों की रक्षा नहीं हो पाएगी। बालू का क्षरण बढ़ेगा और अनेक तटवर्ती नगर समुद्री डूब क्षेत्र में आ जाएंगे।अत: धर्म संसद भारत सरकार का आह्वान करती है कि वह समुद्र नहर परियोजना की पूर्ति के लिए रामसेतु को बीच से तोड़ने की अपनी योजना को तत्काल निरस्त करे और यदि योजना पूरी करनी ही है तो वैकल्पिक मार्ग खोजे। साथ ही साथ यह अधिवेशन सभी देशभक्तों, वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों, पुरातत्वविदों तथा समुद्री विषयों के विशेषज्ञों का आह्वान करता है कि वे तन-मन-धन लगाकर सरकार को रामसेतु की रक्षा के लिए बाध्य कर दें।धर्म संसद देश की सम्पूर्ण जनता का आह्वान करती है कि यदि केन्द्र सरकार ने तत्काल रामसेतु तोड़ने वाला यह प्रकल्प निरस्त नहीं किया तो प्रचण्ड जनान्दोलन के लिए तैयार रहें।जनांदोलन के लिए तैयार रहेंविश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित तेरहवीं धर्म संसद देश की जनता का आह्वान करती है कि रामसेतु की रक्षा के लिए जन-जागरण एवं जन आन्दोलन प्रारम्भ करें।श्रीरामसेतु रक्षा का यह आन्दोलन किसी भी राजनीतिक दल के साथ जुड़ा नहीं रहेगा। साथ में धर्म संसद भारत के सभी राजनीतिक दलों से आह्वान करती है कि देश की बहुसंख्यक हिन्दू जनता की श्रद्धा का सम्मान करते हुए इस आन्दोलन के लिए अपना समर्थन घोषित करें।देशभर में श्रीरामसेतु रक्षा मंच के तत्वावधान में जन-जागरण एवं आन्दोलन प्रारम्भ किया जाए। हम देश की सभी सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं एवं संगठनों को इस मंच के सदस्य बनकर आन्दोलन व सहयोग करने का आह्वान करते हैं।संतों का अखिल भारतीय, प्रांतीय एवं जिला स्तरों पर निदेशक मण्डल रहेगा, जो संपूर्ण आन्दोलन का मार्गदर्शन करेगा।जिला स्तर तक आन्दोलन के लिए तत्काल मंच का गठन किया जाए।मंच द्वारा देश के करोड़ों नागरिकों तक रामसेतु की रक्षा का संदेश पहुंचाने के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए और लोकतांत्रिक अधिकार के अन्तर्गत जनांदोलनों के विभिन्न कार्यक्रमों की रचना की जाए।13
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