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अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी हंसदास जी ने धर्म संसद में बताया कि हमारी योजना थी कि धर्म संसद में आये हम सब संत राम नाम जपते हुए रामलीला मैदान से जन्तर-मन्तर तक जाएंगे। वहां से हम संतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री को ज्ञापन देना चाहता था। इस संबंध में हमने प्रशासन से बात की तो दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने कहा कि जो भी कार्यक्रम करें रामलीला मैदान के भीतर ही करें। शासन इस मैदान से बाहर जाने की अनुमति नहीं देना चाहता क्योंकि इससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। स्वामी हंसदास जी ने पूछा कि हम सब कंठी माला जपने वाले, हरिनाम का कीर्तन करने वालों से आखिर शासन को क्या खतरा हो सकता था? आखिर दिल्ली की सड़कों पर संत नहीं चलेंगे तो कौन चलेगा? उन्होंने कहा कि हम टकराव नहीं चाहते इसलिए शांतिपूर्वक जा रहे हैं और सरकार को यह सोचने का समय दे रहे हैं कि वह टकराव का रास्ता न अपनाए। यदि सरकार नहीं चेती तो दिसम्बर में जब “दिल्ली चलो” के नारे के साथ हम पांच लाख रामभक्त यहां आएंगे तब हम देखेंगे कि कौन-सी पुलिस और कौन-सा शासन हमें रोक पाएगा।12
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