डा. लोहिया ने कहा था-
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

डा. लोहिया ने कहा था-

by
Apr 2, 2007, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 Apr 2007 00:00:00

मैं वोटों के लिए मुस्लिम पर्सनल ला में बदलाव के अपने विचारों को कैसे छोड़ दूं?प्रखर राष्ट्रभक्त, स्वाधीनता सेनानी तथा समाजवादी चिन्तक डा. राम मनोहर लोहिया सत्ता-सुख की अपेक्षा सिद्धातों को सर्वोपरि मानते थे। आज लोहिया जी का अनुयायी होने का दावा करने वाले कुछ दल किस प्रकार पग-पग पर सत्ता में बने रहने के लिए सिद्धान्तों का हनन करने में नहीं हिचकिचाते, यह किसी से छिपा नहीं है।लोहिया जी ने सन् 1965 में सार्वजनिक रूप से “मुस्लिम पसर्नल ला” में परिवर्तन करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा था- “यदि हिन्दू समाज कुछ पुरानी व गलत परम्पराओं को त्यागने की पहल कर सकता है, विधवा विवाह निषेध का त्याग करने को तत्पर हो सकता है, बाल विवाह जैसी कुप्रथा को छोड़ सकता है तो मुस्लिम समाज को गलत सामाजिक परम्पराओं को त्यागने में क्या आपत्ति है? मेरे दृष्टिकोण से बहुविवाह, बात-बात में तलाक देने जैसी घातक कुरीतियों को तुरन्त त्याग देना चाहिए। मुल्ला-मौलवियों के प्रत्येक फतवे की मानने से इनकार कर देना चाहिए। जो भी भारत का नागरिक है, उसके लिए समान कानून होना चाहिए।”दो वर्ष बाद 1967 में लोहिया जी फरुखाबाद (उ.प्र.) संसदीय क्षेत्र से लोकसभा प्रत्याशी थे। कांग्रेसी लोहिया जी को किसी भी प्रकार हराने के लिए कृत संकल्प थे। वे चुनावी सभाओं में लोहिया जी को मुस्लिम विरोधी सिद्ध करने के लिए उनके मुस्लिम पर्सनल ला सम्बन्धी विचारों के पम्पलेट छपवाकर बंटवा रहे थे। सभाओं में कह रहे थे “लोहिया यदि संसद में पहुंच गए तो मुस्लिम कानून को बदलवाने का प्रयास करेंगे, इसलिए प्रत्येक मुसलमान का फर्ज है कि वह उन्हें हराने के लिए जुट जाए”।चुनाव प्रचार के दौरान लोहिया जी की एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया। संसोपा के नेता सत्यप्रकाश मालवीय ने लोहिया जी के सभा में पहुंचने से पूर्व उनसे मिलकर कहा- “कांग्रेसी व मुल्ला मौलवी आपके मुस्लिम पर्सनल ला सम्बंधी विचारों को मुद्दा बना रहे हैं। सभा में आपसे प्रश्न किया जा सकता है कि मुस्लिम व्यक्तिगत कानून के बारे में आपका क्या मत है। मेरे विचार से यदि आपने अपनी पुरानी बात दोहराई तो चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा। इससे मुसलमान न आपको वोट देंगे न राज्यभर में किसी संसोपा प्रत्याशी को। अत: हम सबका विचार है कि आप इस प्रश्न का गोल-मोल उत्तर दें।”लोहिया जी ने मालवीय जी को उत्तर दिया- “क्या आप चाहते हैं कि मैं वोट पाने के लिए, लोकसभा में पहुंचने के लिए सच्ची बात कहने से हिचकूं? समझ लो कि मैं वोट पाने के लिए अपनी बात नहीं बदला करता। मैं वही उत्तर दूंगा जो देता आया हूं।” लोहिया जी ने सभा में पूछे जाने पर स्पष्ट कहा “मुस्लिम औरतों का भला इसी में है कि उनके लिए कानूनों में सुधार लाया जाए। बहुविवाह तथा तलाक जैसे पुराने पड़ चुके कानूनों को बदला जाए।”उस चुनाव में लोहिया जी को कट्टरपंथी संकीर्ण मुसलमानों के वोट भले ही नहीं मिले किन्तु बहुसंख्यक हिन्दू मतदाताओं ने उनके राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित होकर उन्हें विजयी बनाया।इसी प्रकार कुछ ही महीने बाद जब संत प्रमुख प्रभुदत्त ब्राह्मचारी जी ने वृन्दावन में गोहत्या बन्दी की मांग को लेकर अनशन किया तो लोहिया जी अपने साथी कप्तान अनवर अली को साथ लेकर वृन्दावन गए। उन्होंने गोहत्या बन्दी की मांग का समर्थन किया तथा कहा- “देश का बहुसंख्यक हिन्दू समाज गोवंश के प्रति श्रद्धा रखता है। गोवंश भारत की कृषि व्यवस्था की रीढ़ है। गोहत्या बन्द होनी ही चाहिए।” और अब अपने को लोहिया जी का अनुयायी बताने वाले उ.प्र. के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव मुस्लिम वोटों के लालच में आतंकवादियों के संगठन “सिमी” को देशभक्त होने की क्लीन चिट देने में नहीं हिचकिचाते तो कभी आतंकवादियों के अड्डे बने मदरसों को ज्ञान का केन्द्र तथा राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाने वाला बताते हैं और दूसरी तरफ सरस्वती शिशु मंदिरों को कोसने में पीछे नहीं रहते। -शिव कुमार गोयल20

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies