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समस्या और समाधान का चिंतनगत दिनों हैदराबाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा जनजातीय छात्र-छात्राओं का प्रथम राष्ट्रीय अभ्यास वर्ग आयोजित किया गया। दो दिवसीय इस वर्ग में 17 राज्यों से 205 विद्यार्थियों ने भाग लिया।अभ्यास वर्ग का औपचारिक उद्घाटन परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामनरेश सिंह और राष्ट्रीय महामंत्री श्री सुरेश भट्ट ने किया। श्री रामनरेश सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि समाज परिवर्तन में जनजातीय वर्ग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। इसके बावजूद भी यह वर्ग इतना उपेक्षित क्यों है? इसके विश्लेषण की आवश्यकता है तथा भारत के विकास व शैक्षणिक बदलाव के लिए यह आवश्यक भी है।जनजातीय छात्र कार्य प्रमुख श्री सूर्यनारायण ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज स्वाभिमानी, स्वावलंबी है, लेकिन विकास की मूलधारा से दूर रहने के कारण वह अपने को अलग समझता है। वह अपने स्वाभिमान को खो रहा है, परन्तु हम यह होने नहीं देंगे। हम जनजातियों के स्वाभिमान, आत्मविश्वास और स्वावलम्बन को वापस लौटाने का कार्य करेंगे।राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील अम्बेकर ने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ाना है तो सभी का समान विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने अपने लाभ के लिए “आदिवासी” शब्द प्रयोग किया। अंग्रेजों ने कहा कि “आदिवासी” असंस्कृत हैं, पिछड़े हैं, जबकि इसके विपरीत हम पाते हैं कि जनजातीय समाज सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, धार्मिक वस्वाभिमानी है।वर्ग में “जनजातीय छात्रों की समस्या व समाधान” विषय पर विभिन्न प्रदेशों से आए छात्र प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं के बारे में बताया। उत्तरी कछार हिल्स के प्रतिनिधि युवामनी त्रिपुरी ने कहा कि सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में विकास न हो पाने के कारण बेरोजगारी की समस्या बढ़ती ही जा रही है, जिससे आतंकवाद में वृद्धि हो रही है। दिमासा समाज की एक छात्रा ने कहा कि साक्षरता दर बढ़ी है लेकिन व्यावसायिक शिक्षा नहीं दी जा रही है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले की कुमारी हेमा सिंह ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में जो गैरसरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) काम कर रहे हैं उनमें से अधिकांश फर्जी हैं। इस कारण विकास में बाधा आ रही है। उड़ीसा के क्योंझर जिले के एक प्रतिनिधि ने जनजातीय छात्रों और छात्रावासों की दुर्दशा का चित्रण किया। हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री जवाहर सिंह ने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए हमें समन्वय स्थापित करके शक्तिशाली बनना होगा।संगठन मंत्री श्री संजय पाचपौर ने कहा कि समस्याओं का समाधान करना ही हमारा कार्य है। वर्ग में पांच परिसंवाद भाषण भी हुए। महिला समस्या पर विद्यार्थी परिषद् की राष्ट्रीय मंत्री सुश्री आशा लकड़ा ने कहा कि जब हम सारे देश की समस्या देखते हैं तो महिला समस्या भी बहुत बड़ी दिखाई देती है, खासकर छत्तीसगढ़, झारखण्ड व उड़ीसा में लड़कियों के अपहरण की समस्या बहुत बढ़ी है। नौकरियों का झांसा देकर गांवों से महिलाओं व लड़कियों को शहर ले जाया जाता है और फिर उन्हें देह व्यापार में झोंक दिया जाता है। उड़ीसा प्रांत प्रमुख श्री संजय दास ने जंगल प्राधिकरण कानून पर कहा कि विकास के नाम पर जनजातीय लोगों की जमीन बड़ी-बड़ी कंपनियों को देना व जनजातीय लोगों की जमीन हड़प लेना, सरकार द्वारा शोषण का प्रमाण है। वर्ग में जनजातीय कार्य पर ध्यान देने के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें अभाविप जनजातीय छात्र कार्य प्रमुख श्री सूर्यनारायण, श्री संजय पाचपौर और श्री प्रफुल्ल आकान्ता सदस्य होंगे। प्रतिनिधि35
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