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हाइ क्वालिफाइड टीचर सुधारेंगे रिजल्टयह शीर्षक है नई दिल्ली से प्रकाशित दैनिक भास्कर के 4 जनवरी, 07 में छपे एक समाचार का। इसे भेजने वाले हैं- दिलीप सिंह, प्लाट/वार्ड नं.-294/5, स्टेशन रोड, रोहिसा, वाया-रियां बड़ी, जिला-नागौर (राजस्थान) 341513और इनका सुझावउक्त पंक्ति इस प्रकार भी लिखी जा सकती थी-बेहतर शिक्षक सुधारेंगे परिणामपताऐसी भाषा-कैसी भाषा?पाञ्चजन्य, संस्कृति भवन, देशबंधु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-110055सम्पादकीयजो व्यक्ति स्वयं अपने सम्मान का ख्याल नहीं करता वह दास ही बन जाता है।-महात्मा गांधी (यंग इंडिया, 15-12-1921)भारत-मित्र पुतिन की यात्राआतंकवाद और मुस्लिम जिहाद को करारा सबक सिखाने के लिए प्रसिद्ध दृढ़ निश्चयी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर इल्यिच पुतिन की भारत यात्रा से सभी देशभक्तों को अपार प्रसन्नता है। रूस ने हर कठिन समय में भारत का साथ दिया है और भारतीय मानस में वह अमरीका से बढ़कर भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति मैत्री और संवेदना का भाव रखने वाला सच्चा सहयोगी है। इसलिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें मुख्य अतिथि के नाते आमंत्रित कर भारत सरकार ने उचित ही कदम उठाया है। जब अमरीका के अहंकारी और स्वार्थी शासक प्रतिबंधों के माध्यम से भारत पर दबाव बढ़ा रहे थे और हमारे परमाणु संयंत्रों को उनकी मदद मिलनी बंद हो गई थी उस समय केवल रूस ही था जिसने तारापुर संयंत्र सहित अन्य परमाणु आवश्यकताएं पूरी कीं। इस बार भी राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान संभावना है कि तमिलनाडु में चार नये रिएक्टर स्थापित करने के संबंध में समझौते किए जाएंगे। भारत और रूस के मध्य व्यापार भी तीन अरब डालर से दस अरब डालर तक बढ़ने की योजना है। सामरिक क्षेत्र में रूस के साथ भारत के संबंध काफी सघन हुए हैं। युद्धक विमान, टैंक, प्रक्षेपास्त्र, संयुक्त शोध और प्रौद्योगिकी का स्थानांतरण इसमें शामिल है। भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह रूस के साथ अपनी मित्रता को और बढ़ाए तथा सामरिक विशेषज्ञों की राय के अनुसार वैश्विक शक्ति संतुलन के लिए एक भारत-चीन-रूस सामरिक ध्रुव की ओर बढ़े ताकि पश्चिमी जगत का अनावश्यक एवं तकलीफदेह दबाव रोका जा सके।भाजपा और जनमनजिन चार राज्यों में चुनाव घोषित हुए उनमें उत्तराखंड और पंजाब के चुनाव भाजपा के लिए विशेष महत्व के हैं। यहां वह जीती तो पूरे देश में उसका संदेश जाएगा तथा भाजपा की बढ़त के संबंध में उठाए जाने वाले संदेहों को परास्त किया जा सकेगा। वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थिति में भाजपा का चुनाव जीतना केवल पार्टी के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए महत्वपूर्ण है। अराष्ट्रीय गतिविधियों, निर्लज्ज मुस्लिम तुष्टीकरण और समाज तोड़क नीतियों के कारण कांग्रेस-कम्युनिस्ट गठबंधन इस देश के लिए सबसे घातक सत्ता-व्यवस्था सिद्ध हो रही है। ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रीय मानस भाजपा की विचारधारा और उसकी नीतियों की घोषणाओं के साथ चलने को सिद्धमना है। अत: भाजपा को अपने कदम अत्यंत सावधानीपूर्वक और सोच-समझकर उठाने होंगे। विभिन्न राज्यों में जिस प्रकार पार्टी के भीतर उठापटक, असंतोष और नाराजगी या छीना-झपटी के समाचार विभिन्न पत्रों में छप रहे हैं, उनको नकारना अथवा उन्हें नजरअंदाज कर स्थिति यथावत बनाए रखना बड़ी भूल होगी। जो पार्टी आत्मानुशासन, असंदिग्ध देशभक्ति, राष्ट्र सर्वोपरि और देवी-देवता भी उसके बाद, जैसे सिद्धांतों पर निष्ठा व्यक्त करती है उसके नेताओं और कार्यकत्र्ताओं के व्यवहार में भी इन बातों का थोड़ा बहुत अंश दिखना चाहिए। जैसे हिन्दू समाज का शत्रु कभी कोई विधर्मी विदेशी इतना प्रबल नहीं रहा जितने मतिभ्रमित एवं आत्मविस्मृत हिन्दू रहे, जो स्वयं ही अपने समाज का अहित करते रहे, उसी प्रकार भाजपा को कांग्रेस, कम्युनिस्ट या किसी भी अन्य तथाकथित सेकुलर दल से इतना खतरा नहीं है जितना भीतरी असंतोष, आपसी झगड़ों तथा अहंकारी वृत्ति के इधर-उधर छितराए नेताओं से है। इन्हें संभाल लिया तो सब संभल जाएगा।5
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