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राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के करजालिया गांव के 15 वर्षीय स्वयंसेवक सत्यनारायण शर्मा के हत्यारों-बिलकिस एवं फारुख पठान को आजीवन कारावास की सजा हुई है। गुलाबपुरा के अतिरिक्त न्यायिक दण्डाधिकारी एस.आर.गंडेर ने इन दोनों हत्यारों को सजा सुनाई है। उन्होंने इन हत्यारों के एक अन्य साथी राजू दरोगा को बाल अपराधी मानते हुए उसके मामले को बाल न्यायालय, अजमेर स्थानान्तरित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सत्यनारायण शर्मा नवीं कक्षा का छात्र था और वह अपने गांव की शाखा का मुख्य शिक्षक भी था। 1 मार्च, 2005 की रात को उसके गांव के ही कुछ मुस्लिम युवक उसे बहला-फुसलाकर एक निर्जन स्थान में ले गए और वहां उन्होंने उसकी निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। मृतक सत्यनारायण शर्मा के पिताजी श्री रामगोपाल शर्मा भी वरिष्ठ स्वयंसेवक हैं। उन्हीं के प्रयास से कारजालिया में संघ-कार्य की शुरुआत 1981 में हुई थी। तभी से गांव के कट्टरपंथी उनसे चिढ़े हुए थे। प्रतिनिधि34
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