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हम आश्वासन ही न दें, समाधान भी खोजें-अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री”किसी भी साहित्यकार की संवेदनाएं राष्ट्र की ज्वलन्त समस्याओं से उद्वेलित होकर राष्ट्र को एक नई दिशा एवं सन्मार्ग प्रदान करती हैं।” यह बात भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गत 22 मई को उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य, चिकित्सा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. रमेश पोखरियाल “निशंक” के कहानी संग्रह “खड़े हुए प्रश्न” के लोकार्पण अवसर पर कही। नई दिल्ली स्थित इंडिया इन्टरनेशनल सेंटर में आयोजित एक गरिमामय समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डा. निशंक को “साहित्य भारती सम्मान” से भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मैंने कहानी संग्रह “खड़े हुए प्रश्न” का अध्ययन किया है। इसमें डा. निशंक ने जिस प्रकार बेरोजगारी और गरीबी को अपना निशाना बनाया है उससे मुझे भी अहसास हुआ है कि हम जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों ने इन समस्याओं के समाधान हेतु हमेशा आश्वासन दिए, लेकिन निराकरण हेतु कभी भी कोई ठोस कार्य नहीं किए गए।इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार पदमश्री डा. श्याम सिंह शशि एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री हिमांशु जोशी ने भी विचार व्यक्त किए। डा. निशंक ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि अटल जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद उन्हें हमेशा साहित्य रचना के पथ पर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है।समारोह में पुस्तक के प्रकाशक विन्सर पब्लिकेशन के स्वामी श्री कीर्ति नवानी, श्री बल्लभ डोभाल, वरिष्ठ पत्रकार श्री बलबीर पुंज, उत्तराखण्ड भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी श्री रविशंकर प्रसाद, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं सांसद श्री बच्ची सिंह रावत सहित अनेक वरिष्ठ साहित्यकार एवं गण्यमान्यजन उपस्थित थे।27
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