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पाठ्य पुस्तकों में विकृतियों और यौन शिक्षा के विरुद्ध तीव्र आन्दोलन होगा-दीनानाथ बत्रा, राष्ट्रीय संयोजक, शिक्षा बचाओ आन्दोलन समितिशिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री दीनानाथ बत्रा 9 एवं 10 जून को कोलकाता में थे। इस क्रम में उन्होंने वहां कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लिया और संवाददाताओं को भी सम्बोधित किया। 9 जून को शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति की प. बंगाल इकाई ने उन्हें सम्मानित किया। सम्मानस्वरूप उन्हें विद्या भारती, बंगाल के मार्गदर्शक श्री सत्यव्रत सिंह एवं अभाविप के प्रान्त अध्यक्ष डा. सुभाष साहा ने मानपत्र एवं उपहार भेंट किया। शिक्षा एवं संस्कृति रक्षा मंच, पश्चिम बंगाल द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री बत्रा ने बताया कि बंगाल के अधिकांश जिलों में शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति का कार्य प्रारंभ हो गया है। इस आन्दोलन को सार्वभौमिक और सर्वस्पर्शी बनाने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने की जरुरत है। श्री बत्रा ने संगठन, जनप्रबोधन और जनांदोलन के संदर्भ में एक तीन सूत्रीय कार्यक्रम की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। बाद में स्थानीय पत्रकार वार्ता में उन्होंने घोषणा की कि पाठ पुस्तकों में विकृतियों एवं यौन शिक्षा के विरुद्ध समिति तीव्र आन्दोलन चलाएगी। श्री बत्रा ने बताया कि एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा प्रकाशित इतिहास की पुस्तकों में स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकवादी बताया गया है और जाट एवं जैन समुदाय के महापुरुषों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने इन सारी गलतियों को सुधारने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय के आदेश पर 76 में से 69 गलतियों को सुधारा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि संप्रग सरकार ने देश की शिक्षा एवं संस्कृति को विकृत करने का कुचक्र चलाया है। उसे उजागर करने के लिए आन्दोलन चलाया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के श्री अजीत विश्वास ने भी शिक्षाविदों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें श्री दीनानाथ बत्रा सहित इतिहासकार डा. प्रणव चट्टोपाध्याय, पूर्व प्राध्यापक डा. रविरंजन चट्टोपाध्याय आदि विद्वानों ने भाग लिया। -विजय गणेश कुलकर्णी25
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