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100 दिन पूर्ण होने पर भाजपा सरकार का संकल्पगोहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाएंगेविधानसभा के चालू सत्र में ही प्रस्तुत होगा विधयेक-सुभाष चन्द्र जोशीउत्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर गत 15 जून को देहरादून में मुख्यमंत्री (मे.ज.) भुवन चन्द्र खण्डूरी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री बच्ची सिंह रावत की उपस्थिति में “सरकार के सौ दिन-नई आशा, नया विश्वास” का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री खण्डूरी ने कहा कि उत्तराखण्ड में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगेगा। इसके लिए सरकार इसी विधानसभा सत्र में विधेयक लाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि पटरी से उतरी व्यवस्था को पुन: सही दिशा में लाने के लिए सरकार पूर्ण प्रतिबद्ध है। अब तक सरकार ने इसी दिशा में पूरा प्रयास किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि इस अवधि में विकास की गति मंद रही। समय कम होने के कारण लेखानुदान प्रस्ताव लाया गया था। विधानसभा के अगले सत्र में बजट लाया जा रहा है। उसमें हर काम के लिए धन आवंटित किया जाएगा।इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्री कृष्ण मुरारी मोघे, सह प्रभारी डा. अनिल जैन, पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी सहित भाजपा के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।राज्य सूचना विभाग द्वारा 100 दिन की उपलब्धियों पर प्रकाशित रपट में जो कुछ प्रमुख कार्य गिनाए गए हैं, वे हैं-थ् निजी उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों के लिए 70 प्रतिशत नौकरी की व्यवस्था थ् भूमि की अनियंत्रित खरीद-फरोख्त पर रोक के लिए कानून थ् विकल्प चुनने वालों की बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के लिए कार्यमुक्ति थ् उ.प्र. व उत्तराखण्ड के बीच आपसी सहमति से स्थानांतरण पर निर्णय थ् वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली रोजगार योजना में पांच लाख रुपए की सहायता राशि थ् वित्तीय अनुशासन और मितव्ययिता की दिशा में सकारात्मक पहल थ् जन शिकायत व सुझाव प्रकोष्ठ के साथ ही राज्य सुरक्षा आयोग का गठन थ् सभी विभागों के लिए पारदर्शी नियुक्ति और तबादला नीति।। । ।मतान्तरण विरोधी कानून बनाने की मांगहिन्दू जागरण मंच, उत्तराखण्ड ने चलाया हस्ताक्षर अभियानदेवभूमि उत्तराखण्ड में ईसाई मिशनरियों द्वारा शिक्षण संस्थाओं व चिकित्सालयों की आड़ में कराए जा रहे मतान्तरण को लेकर अनेक बार विवाद उत्पन्न हुए हैं। अब हिन्दू जागरण मंच ने मांग की है कि उत्तराखण्ड सरकार मतान्तरण पर अंकुश लगाने के लिए एक व्यापक कानून बनाये। सरकार हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उड़ीसा, तमिलनाडु आदि राज्यों के समान “उत्तराखण्ड प्रदेश घर्म स्वातंत्र्य विधेयक” पारित करे। हिन्दू जागरण मंच के प्रदेश संगठन मंत्री श्री राजेन्द्र भण्डारी ने यह घोषणा करते हुए कहा कि मंच प्रदेश में मतान्तरण विरोधी कानून बनाने के लिए 31 मई से हस्ताक्षर अभियान चला रहा है, जो 10 जून तक चलेगा। इस दौरान एक लाख परिवारों तक हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता जाएंगे और मतान्तरण विरोधी कानून बनाने के लिए हस्ताक्षर एकत्र करेंगे। हस्ताक्षरयुक्त इस मांग पत्र को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री (मे.ज.) भुवन चन्द्र खण्डूरी को सौंपा जाएगा तथा मांग की जाएगी कि मतान्तरण रोकने के लिए इसी विधानसभा सत्र में विधेयक लाया जाए।श्री भण्डारी ने कहा कि सरकार प्राकृतिक आपदाओं से जनता को बचाने के लिए जैसे राष्ट्रीय अभियान चलाती है, उसी प्रकार केन्द्र व राज्य सरकारें मतान्तरण रोकने के लिए राष्ट्रीय जागरण अभियान चलाएं अन्यथा बढ़ते मतान्तरण के दूरगामी परिणाम देश के लिए घातक होंगे। पूर्वोत्तर की स्थिति को देखते हुए सरकार को वर्तमान समय में इसे राष्ट्रीय आपदा के रूप में देखना होगा और इससे निपटने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनानी होगी। हिन्दू जागरण मंच का कहना है कि अन्तरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा होने के कारण उत्तराखण्ड राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। उधर नेपाल भारतविरोधी गतिविधियों का केन्द्र बना हुआ है। भारत-नेपाल के कम्युनिस्ट पार्टियों का आपस में समझौता होना भारत के हित में नहीं है। लाल गलियारा (रेड कारिडोर) के रूप में नेपाल से उड़ीसा तक का क्षेत्र माओवादियों की गतिविधियों का केन्द्र बना हुआ है। नेपाल से लगा उत्तराखण्ड का सीमावर्ती क्षेत्र विकास के अभाव में माओवादियों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है। इसलिए जम्मू-कश्मीर की तरह उत्तराखण्ड सरकार सीमावर्ती क्षेत्र के जागरूक नौजवानों को विशेष पुलिस अधिकारी (एस.पी.ओ.) के रूप में भर्ती करे।30
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