|
भारतीय विचार केन्द्रम् में अब होंगे शोध भीरा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं चिंतक श्री पी.परमेश्वरन की सोच थी कि केरल में राष्ट्रीय विषयों पर अनुसंधान का एक विशिष्ट केन्द्र बने, भारतीय विचार केन्द्रम्, तिरुअनंतपुरम आज उसी उद्देश्य की पूर्ति की ओर अग्रसर है। इतना ही नहीं, अजमेर (राजस्थान) के प्रसिद्ध महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने भारतीय विचार केन्द्रम् को अनुसंधान हेतु मान्यता भी प्रदान की है। अब विचार केन्द्रम् की शैक्षिक शाखा-भारतीय इंस्टीटूट आफ एडवांस्ड स्टडी एंड रिसर्च अगले सत्र से अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, दर्शन, शिक्षा, संस्कृत और प्रबंधन विषयों में शोध छात्रों को प्रवेश दे सकेगा। अजमेर का महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख संस्थान है जिसके साथ 170 महाविद्यालय संबद्ध हैं। यह पहली बार है जब इस विश्वविद्यालय ने दक्षिण के किसी केन्द्र को इस तरह की मान्यता प्रदान की है।1982 में विजयादशमी के दिन स्व. दत्तोपंत ठेंगडी ने भारतीय विचार केन्द्रम् का उद्घाटन किया था, तभी से यह केन्द्र भारतीय मूल्यों पर आधारित राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में जुटा है। विभिन्न विषयों पर परिचर्चा, बैठकों, गोष्ठियों आदि के माध्यम से केन्द्र ने केरल के सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर भारतीय विचार केन्द्रम् के दृष्टिकोण और विचारों को बहुत सम्मान से देखा जाता है।हाल ही में तिरुअनंतपुरम में एक पत्रकार सम्मेलन में श्री परमेश्वरन ने बताया कि हम केरल विश्वविद्यालय से भी मान्यता प्राप्त करने हेतु प्रयासरत हैं। भारतीय इंस्टीटूट आफ एडवांस्ड स्टडी एंड रिसर्च के शुभारम्भ अवसर पर आगामी 28 अप्रैल को राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री श्री घनश्याम तिवारी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। केरल के शिक्षा मंत्री श्री एम.ए. बेबी को भी आमंत्रित किया गया है, पर इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उनकी सहमति प्राप्त नहीं हुई है। इस केन्द्र के माध्यम से शोध करने वाले शिक्षार्थी भारतीय इंस्टीटूट आफ एडवांस्ड स्टडी एंड रिसर्च, संस्कृति भवन, जी.पी.ओ. लेन, तिरुअनंतपुरम-1, फोन- 0571-2461567 पर संपर्क कर सकते हैं। प्रदीप कुमार26
टिप्पणियाँ