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-विजय गोयल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद, दिल्लीदिल्ली में तीन दिन तक जो कुछ भी हुआ वह उन लोगों का बहुत स्वाभाविक रोष था, जिनके पेट पर लात मारी जा रही है। लेकिन यह सब न तो सत्तारूढ़ सरकार को दिखाई दे रहा है और न ही न्यायालय को। सरकार ने न्यायालय
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