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-मुजफ्फर हुसैनकहा जाता है कि साधु और अपराधी की कोई जाति नहीं होती। लेकिन जब सजा भुगतते समय उसे अपना मजहब और जाति बतलानी पड़ती है उस समय तो अपराधी एक विशेष वर्ग और समुदाय का हो ही जाता है। पिछले दिनों जब सेना में मुसलमान कितने, यह सवाल उठा तो सेना के बड़े अध
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