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हुसैन की सोच दूषितएम.एफ हुसैन ने भारत माता का जो अपमानजनक चित्र बनाया वह कलात्मक अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित षडंत्र के तौर पर किया गया है, इसलिए इसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। यह बात निराला सृजन पीठ के निदेशक श्री रामेश्वर मिश्र पंकज ने गत 17 फरवरी को भोपाल के स्वराज भवन में “कला की अभिव्यक्ति- मीडिया व सेकुलरिज्म” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही। संगोष्ठी का आयोजन हिन्दुस्थान समाचार समिति ने किया था। श्री मिश्र ने आगे बताया कि भारत में सबसे पहले ईसाई मिशनरियों ने योजनापूर्वक हिन्दुत्व पर प्रहार किया। कला को उन्होंने राजनीतिक विस्तार के औजार के रूप में प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि एम.एफ. हुसैन का विरोध व्यापक स्तर पर होना चाहिए। इसके लिए न्यायालय में भी जाना चाहिए। यह बात करनी बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए कि हिन्दू सहिष्णु है। हिन्दू शास्त्र वीरता का विधान करना सिखाते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिन्दुस्थान समाचार समिति के ब्यूरो प्रमुख श्री अंजनी कुमार झा ने कहा कि नागरिकों को संविधान व लोकतंत्र की मर्यादा का पालन करना चाहिए।अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रदेश भाजपा महामंत्री श्री अनिल दवे ने कहा, “लोग कहते हैं कि एम.एफ. हुसैन विकृत मानसिकता से ग्रस्त हैं। हुसैन विकृत मानसिकता से ग्रस्त नहीं हैं उन्होंने यह दूषित कार्य सुनियोजित तरीके से मान भंग करने के लिए किया है। हिन्दू प्रतीकों व श्रद्धाकेन्द्रों पर सुनियोजित हमला किया जा रहा है। इस सुनियोजित षडंत्र का योजनाबद्ध तरीके से विरोध करना चाहिए।” इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री आरिफ बेग ने कहा कि भारत में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच अज्ञानता के कारण दूरियां बनी हुई हैं। हमें आपस में चर्चा कर दूरियां कम करने का प्रयास करना चाहिए।गोष्ठी में उपस्थित दैनिक भास्कर के संपादक श्री गिरीश मिश्र ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की विनम्रता और शिष्टता से हमें सीख लेनी चाहिए। दुर्भाग्य की बात यह है कि आज जो राम की बात करते हैं वही उनके आदर्शों व संस्कारों का पालन नहीं करते हैं। प्रतिनिधि29
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