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…क्योंकि वे सलवा जुडूम के कार्यकर्ता थे- जितेन्द्र शर्माआतंकी घटनाओं से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने 28 फरवरी की सुबह फिर एक बड़ी वारदात की। छत्तीसगढ़ में अपना जनाधार खिसकता देख बौखलाए नक्सलियों ने कोंटा प्रखण्ड के ग्राम दोरनापाल में एक दिन पहले आयोजित सलवा जुडूम की सभा से लौट रहे ग्रामीणों से भरे ट्रक को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया। इस घटना में 28 ग्रामीणों की मौत हो गई और 30 घायल हो गए।घायलों को सीमावर्ती आंध्र प्रदेश के भ्रदाचलम स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ट्रक के पीछे चल रहे कुछ और वाहनों को भी नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया। इन वाहनों में सवार ग्रामीणों ने जंगल में भागकर अपनी जान बचाई। इस दौरान एक ग्रामीण नक्सलियों की गिरफ्त में आ गया जिसे अपह्मत कर वे अपने साथ रखे हुए हैं। नक्सली विस्फोट की खबर मिलते ही हेलीकाप्टर से मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा, गृहमंत्री रामविचार नेताम व पुलिस महानिदेशक ओ.पी. राठौर कोंटा पहुंचे और बारूदी विस्फोट में मारे गए ग्रामीणों के बारे में जानकारी हासिल की। यहां उन्होंने सभी मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए की सहायता तथा अंतिम संस्कार के लिए दस-दस हजार रुपए तत्काल देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि सभी घायलों के उपचार का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। पुलिस महानिरीक्षक एम. डब्ल्यू. अंसारी, उप पुलिस महानिरीक्षक टी.जे. लांगकुमेर, पुलिस अधीक्षक प्रवीर दास व जिलाधिकारी के.आर. पिस्दा पहले से ही घटनास्थल पहुंच चुके थे। उन्होंने घायलों को सेना के हेलीकाप्टर से भद्राचलम ले जाने व उपचार की व्यवस्था कराई। घटना के दूसरे दिन राज्यपाल के.एम. सेठ ने मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और प्रमुख सचिव आर.पी. बगाई के साथ भ्रदाचलम जाकर घायलों से भेंट की और उनका कुशलक्षेम पूछा।इस दौरान उन्होंने घायलों को समुचित उपचार मुहैया कराए जाने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत कर घायलों को हरसंभव मदद देने का अनुरोध किया। नक्सली हिंसा की भेंट चढ़कर शहीद हुए लोगों की कोंटा में 1 मार्च को ग्रामीणों की मौजूदगी में सामूहिक अंत्येष्टि की गई।प्रदेश ही नहीं संपूर्ण राष्ट्र में इस हिंसा की आलोचना की जा रही है। राजनीति से परे सभी दल के नेता इस मामले में एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल के.एम. सेठ, केन्द्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल, मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा, गृह मंत्री रामविचार नेताम, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और भाकपा माले के राज्य कमेटी के सचिव सौरा यादव सहित अनेक नेताओं, राजनीतिक दलों और संगठनों ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 2 मार्च को राजधानी रायपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए फिर दोहराया कि राज्य स्तर पर अब नक्सलियों से बातचीत का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के साथ लड़ाई में कितनी कुर्बानियां देनी पड़ेंगी, यह वह नहीं जानते, लेकिन इसे जीते बिना बीच में रोका नहीं जाएगा, यह तय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सलवा जुडूम चलता रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी तथा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।22
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