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सावधान, खतरा मंडरा रहा हैआज देश की सुरक्षा के समक्ष गंभीर संकट खड़े हैं। हमारी आन्तरिक और बाह्र सुरक्षा दोनोें खतरे में है और इन खतरों से निपटने का एक ही उपाय है-सतत् सावधानी, सतत् समाज जागरण।” गत 26 जनवरी को तिरुअनन्तपुरम राष्ट्र रक्षा संचलन के समापन के अवसर पर आयोजित विशाल “राष्ट्र रक्षा संगम” को सम्बोधित करते हुए रा.स्व. संघ के सरकार्यवाह श्री मोहन राव भागवत ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त किए। उस दिन गणतंत्र दिवस था अत: श्री भागवत ने सम्बोधन के पूर्व दिव्य घोष वादन के मध्य तिरंगा भी फहराया। अपने विस्तृत उद्बोधन में श्री मोहन राव भागवत ने देश पर मंडराते खतरों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की क्षुधा अभी भी अतृप्त है। पंजाब, बंगाल का बड़ा हिस्सा लेने के बावजूद वह कश्मीर पर आंख गड़ाए है। एकतरफ आई.एस.आई. प्रेरित आतंकी संजाल कश्मीर से लेकर बंगलौर तक हिंसक घटनाएं जारी रखे है तो दूसरी तरफ अवैध घुसपैठ के द्वारा बंगलादेश असम को निगलने पर आतुर है। तिब्बत को पूरी तरह कब्जे में लेने के बाद चीन नेपाल के रास्ते भारत की ओर बढ़ चला है। नेपाल के माध्यम से भारतीय सीमा तक चीन अपना रेल यातायात एवं सड़क सम्पर्क बनाने में जुटा है। अन्दमान और मालदीव के निकट के कुछ द्वीप भी चीन ने खरीद लिए हैं। नेपाल में माओवादी संकट के पीछे आई.एस.आई. पूरी मुस्तैदी से सक्रिय है।”श्री भागवत ने इस अवसर पर अपने आह्वान में कहा कि इन संकटों से निपटने के लिए सर्वसाधारण समाज को कमर कसनी होगी, संकटों के समाधान का कोई लघु-मार्ग नहीं है। जो कार्य 1925 में संघ ने प्रारम्भ किया, उसे सतत् बढ़ाते रहने एवं आम जनता को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सतत जागरूक करने की जरूरत है। प्रत्येक व्यक्ति को देश के लिए जीने और मरने के लिए मानस बनाना होगा। “राष्ट्र रक्षा संगम” की अध्यक्षता केरल प्रांत संघचालक श्री पी.ई.बी. मेनन ने की। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री रंगाहरि, श्री कृष्णप्पा, क्षेत्र प्रचारक श्री सेतु माधवन, क्षेत्र कार्यवाह श्री वन्नीराजन, प्रान्त प्रचारक श्री गोपाल कृष्णन सहित अनेकों संघ अधिकारी भी उपस्थिति थे।17
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