अलीगढ़ में मजहबी उन्माद
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अलीगढ़ में मजहबी उन्माद

by
Nov 6, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Nov 2006 00:00:00

अलीगढ़ में मजहबी उपद्रवी शान्त होते नहीं दिखते। उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन मानो असहाय हो गया है। वर्ग विशेष के मोहल्लों में चर्चा रहती है कि आज कोई न कोई “जिबह” होना तय है, लेकिन सरकार का खुफिया तंत्र और विभिन्न थानों की पुलिस यूं बेफिक्र रहती है कि जैसे कोई सरकारी फर्मान आया हुआ है कि जो होता है होने दो। परिणामत: गत् 28 मई को अलीगढ़ एक बार पुन: तनावग्रस्त हो गया। इस बार के दंगे में 3 लोगों की जानें गईं और प्रशासन को शहर के बड़े हिस्से में कफ्र्यू की घोषणा करनी पड़ी। उत्तर प्रदेश शासन ने मृतकों को 5 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपए तथा साधारण घायलों को 50 हजार रुपए राहत राशि देने की घोषणा की है।

28 मई की रात लाला ओम प्रकाश गुप्ता की हत्या होगी ही, इसको लेकर शहर के अनेक इलाकों में सट्टे लगाए गए थे। हत्यारों ने जिस शैली में व्यापारी नेता श्री गुप्ता की हत्या की, ठीक उसी शैली में मात्र 10 दिनों के अन्दर दो और हत्याएं की जा चुकी थीं। श्री ओम प्रकाश गुप्ता अलीगढ़ के प्रतिष्ठित व्यवसायी मात्र ही नहीं थे वरन् सामाजिक सरोकारों के प्रति अत्यंत संवेदनशील व्यक्ति थे। अभी पिछली 6 अप्रैल को जब अलीगढ़ में दंगा भड़का और जिसमें दंगाइयों ने सासनी के भाजपा विधायक देवकीनन्दन कोरी के सुपुत्र त्रिलोकी की न केवल नृशंस हत्या की वरन् उसकी लाश का खतना कर उसे दफना भी दिया, उस दंगे में पुलिस प्रशासन ने अपनी गलतियों पर पर्दा डालने और मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए दर्जनों हिन्दू नेताओं, व्यापारी प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया, उनमें लाला ओम प्रकाश भी प्रमुख थे। इसके कुछ दिनों पूर्व मारा गया युवक राजू समोसेवाला भी लाला ओमप्रकाश के साथ पुलिस द्वारा गत 6 अप्रैल को दंगा भड़काने में अभियुक्त बनाया गया था। यद्यपि अलीगढ़ में बच्चा-बच्चा जानता है कि 6 अप्रैल को “दंगा” दंगा न होकर मुसलमानों व पुलिस के बीच संघर्ष था। जो भी मुसलमान उस समय मरे थे, वे पुलिस की गोली के ही शिकार हुए थे। कहीं भी कोई मुसलमान हिन्दू-मुस्लिम फसाद में नहीं मरा था, यद्यपि मुस्लिम दंगाइयों से अपने दुकानों, प्रतिष्ठानों व मकानों को बचाने के लिए अवश्य हिन्दू समुदाय ने जगह-जगह प्रतिरोधक प्रदर्शन किए थे।

लेकिन अब जो हो रहा है, उसकी खुली घोषणा दंगाइयों ने पिछले “दंगे” के वक्त आहूत शांति समिति की बैठक में ही कर दी थी। चर्चा में यह भी सुना जा रहा है कि तब अलीगढ़ के नवनियुक्त जिलाधिकारी भुवनेश कुमार और पुलिस अधीक्षक अखिल कुमार के सामने ही सत्तारूढ़ दल से जुड़े एक मुस्लिम नेता ने कहा था-“शांति का क्या मतलब? जब तक 6 के बदले 16 मार नहीं लेते, तब तक कोई शांति-वांति स्थापित नहीं होगी।” और तभी से “16 के आंकड़े” को पाने के प्रयास प्रारंभ हो गए। और शुरूआत हुई दिनांक 19 मई को राजू कुमार समोसा वाला और 22 मई को रमन गुप्ता की नृशंस हत्या द्वारा। दोनों को मोटर साइकिल सवार दंगाइयों ने रात के अंधेरे में सर पर गोली मारकर हत्या कर दी। पर इन घटनाओं से प्रशासन पर शायद कोई असर पड़ा नहीं। असर पड़ा होता तो शांति समिति की बैठक में की गई “घोषणा” से ही सारे सूत्र पुलिस ने पकड़ लिए होते। लेकिन ऐसा करने की बजाय प्रशासन इसे रंजिशन हत्या बताने व बनाने में लगा हुआ है। यद्यपि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हत्यारों का सूत्र देने वाले व्यक्ति को 3 लाख रुपए पुरस्कार देने की घोषणा भी कर दी है। परन्तु लोग इसे जानकर भी अनजान बने रहने की कार्रवाई से ज्यादा नहीं मान रहे हैं। पुलिस क्यों शिथिल पड़ी हुई है? इसका उत्तर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह द्वारा पुलिस महानिरीक्षक मो. रिजवान पर लगाए गए इस आरोप से ही जाहिर हो जाता है कि उसके रिश्ते आई.एस.आई. से हैं। अलीगढ़ में हिन्दू समुदाय में बेचैनी इस कदर व्याप्त है कि लोग अकेले निकलने में अब भय महसूस करने लगे हैं। अब सामान्य आदमी भी दंगाइयों के बढ़ते जा रहे हौंसलों के लिए राज्य सरकार पर आरोप मढ़ने लगा है। बात में दम भी लगता है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ख्वाजा हलीम इस समय अलीगढ़ प्रशासन पर हावी हैं। प्रतिनिधि

19

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies