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उत्तर प्रदेश

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Nov 6, 2006, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 06 Nov 2006 00:00:00

184 गायों की हत्या

-शिवकुमार गोयल

अब से 150 वर्ष पूर्व 1857 के स्वातंत्र्य समर के दौरान 12 मई को महाराणा प्रताप के वंशज गहलौतों (राजपूतों) के क्षेत्र धौलाना (गाजियाबाद) में गोहत्यारे विदेशी, विधर्मी अंग्रेजों के विरुद्ध गोभक्त ग्रामीणों ने पुलिस थाना जलाकर विद्रोह की अग्नि प्रज्ज्वलित की थी। परिणामस्वरूप धौलाना में चौदह राष्ट्रभक्तों को सरेआम फांसी पर लटकाया गया था। अब उस घटना के डेढ़ सौ वर्ष बाद 12 मई, 2006 को सपा, कांग्रेस तथा सेकुलरवादियों के राज में इसी धौलाना क्षेत्र के निकटवर्ती गांव सालेरपुर कोटला के एक खेत में राजस्थानी बंजारों से छीनकर 184 गायों की नृशंस हत्या कर गोमांस और खालों की रातों-रात मांस विक्रेताओं को आपूर्ति कर दी गई। प्रशासन ने इस सामूहिक गोहत्या काण्ड के जिम्मेदार गोमांस माफिया गिरोह को गिरफ्तार करने की बजाय गोहत्या का पर्दाफाश करने वाले क्षेत्र के भाजपा विधायक नरेन्द्र सिंह सिसौदिया, पूर्व सांसद तथा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. रमेशचन्द्र तोमर, भाजपा के जिलाध्यक्ष आशु वर्मा, लोकप्रिय समाजसेवी ठाकुर वाई.पी. सिंह, पूर्व विधायक रामनरेश रावत सहित 95 अन्य गोभक्तों को पकड़कर जेल में ठूंस दिया। इतना ही नहीं भाजपा के जिला महामंत्री वाई.पी. सिंह पर एक दरोगा ने लाठी बरसाकर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया।

29 मई को सामूहिक हत्या के इस अमानवीय काण्ड तथा गोभक्तों की गिरफ्तारी के विरुद्ध गाजियाबाद के कलेक्ट्रेट पर आयोजित विशाल प्रदर्शन के दौरान हजारों ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि सपा सरकार गोहत्यारों, आतंकवादियों तथा विदेशी एजेन्टों को खुला संरक्षण दे रही है।

उन्होंने संदेश व्यक्त किया कि सपा सरकार के एक माफिया मंत्री की इस गो हत्याकाण्ड में संलिप्तता है। श्री त्रिपाठी ने 184 गायों के हत्यारे गिरोह के मुखिया को गिरफ्तार कर उस पर रासुका लगाने तथा विधायक नरेन्द्र सिंह सिसौदिया, प्रो. रमेशचन्द्र तोमर तथा अन्य सभी गोभक्तों को बिना शर्त जेल से रिहा करने की मांग की।

12 मई 2006 का काला दिन। राजस्थान में भीषण गर्मी व चारे-पानी के अभाव से ग्रस्त राजस्थानी चरवाहे गायों का झुण्ड लेकर नहर की पटरी-पटरी होते हुए सालेरपुर कोटला गांव के पास पहुंचते हैं। मांस माफिया गिरोह के सदस्य उन्हें घेर लेते हैं। वे कहते हैं, “रात का समय होने वाला है। आगे जाना खतरे से खाली नहीं है। आप लोग इन गायों के झुण्ड को हमारे बंजर बने खेत में रात भर ठहरा दें ताकि गोमूत्र और गोबर से हमारे खेत उपजाऊ बन जाएं।” भोले-भाले चरवाहे उनके झांसे में आ गएं। उन्हें रातभर आराम करवाने, खाना खिलाने के नाम पर न जाने कहां ले जाया गया। देखते ही देखते गिरोह के सदस्यों ने मांस माफिया गिरोह के मुखिया को सूचना भेजकर कसाइयों को ट्रकों के साथ बुलवा लिया। रातों-रात सभी गायों की नृशंस हत्या कर इन कसाइयों की टोलियों ने उनका मांस, खालें, हड्डियां सब ट्रकों में भर-भर कर सूर्योदय से पूर्व ही उसे मुरादाबाद क्षेत्र की ओर रवाना कर दिया। अगली सुबह 13 मई को जब कुछ ग्रामीण जंगल में पहुंचे तो खेत को खून से लाल हुआ देखकर उनका माथा ठनका। कुछ गायों की आंखें, मांस के टुकड़े खेत के छितराए हुए थे। जैसे ही क्षेत्र के भाजपा विधायक नरेन्द्र सिंह सिसौदिया को इस नृशंस काण्ड का पता चला, उन्होंने खून से लथपथ खेत का निरीक्षण करने के बाद धौलाना पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस की तो गोहत्यारों से सांठ-गांठ थी ही। पुलिस ने खेत के मालिक को संकेत कर ट्रैक्टर से खेत की जुताई करवा दी ताकि पुख्ता सबूत मिटाए जा सकें।

पुलिस द्वारा इस नृशंस काण्ड में कोई कार्रवाई न होते देखकर 15 मई को श्री सिसौदिया के नेतृत्व में हजारों ग्रामीणों ने हापुड़ मार्ग को अवरुद्ध कर गोहत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। 17 मई को श्री सिसौदिया ने लखनऊ विधान सभा में सामूहिक गोहत्या का मामला जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने धौलाना के पुलिस प्रभारी पर गोमांस माफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया। विधानसभा में प्रभावी ढंग से मामला उठाये जाने के बाद अंतत: धौलाना पुलिस को मामला दर्ज करना पड़ा। 15 गोहत्यारों को नामजद किया गया किन्तु अभी तक केवल पांच को ही गिरफ्तार किया जा सका है। तीन ने बाद में स्वयं आत्मसमर्पण कर दिया। मांस माफिया गिरोह के सरगनाओं में से एक भी समाचार लिखे जाने तक नहीं पकड़ा गया है। उधर अनेक सामाजिक संगठनों ने गायत्री परिवार के विद्वान पंडितों के साथ मिलकर मृतक गायों की पावन स्मृति में सालेरपुर कोटला के उसी खेत में यज्ञ कराया। जहां गायों की नृशंस हत्या की गई थी।

यज्ञ समाप्त होने के बाद लोग गोमाता की जय-जयकार करते हुए शान्तिपूर्वक लौट ही रहे थे कि पुलिस ने हिन्दू नेताओं पर कानून व्यवस्था भंग करने का आरोप लगाते हुए जबर्दस्त लाठीचार्ज किया। भाजपा के जिला महामंत्री वाई.पी. सिंह तथा उनके साथियों को घेर कर लाठियों से बुरी तरह पीटा गया। भाजपा के पूर्व सांसद रमेशचन्द्र तोमर, विधायक नरेन्द्र सिसौदिया और नवाब सिंह नागर और भाजपा के जिलाध्यक्ष चौ. आशु वर्मा सहित सैकड़ों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उधर गत 30 मई को वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. मुरलीमनोहर जोशी, श्री कलराज मिश्र ने जेल में बन्द भाजपा नेताओं व अन्य सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं से भेंट की। डा. जोशी ने मुलायम सरकार पर आरोप लगाया कि मुस्लिम वोट के लिए हिन्दुओं का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने मांग की कि घटना की जांच किसी मजिस्ट्रेट से कराने की बजाय किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश या केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा होनी चाहिए।

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