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हृदय की विशालता, संवेदनशीलता एवं व्यवहार-कुशलता वनवासियों से सीखें
-गुणवन्त सिंह कोठारी, महामंत्री, वनवासी कल्याण आश्रम
गत 12 नवम्बर को कानपुर स्थित बिरसा मुण्डा वनवासी छात्रावास का रजत जयन्ती समारोह मनाया गया। श्री गजानन अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल एवं मुख्य वक्ता वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री श्री गुणवन्त सिंह कोठारी थे।
समारोह में छात्रावास के छात्रों ने वन्दे मातरम्, एकल गीत, सामूहिक गीत, नृत्य, लघु नाटिका आदि प्रस्तुत कर साबित कर दिया कि वे भी किसी से कम नहीं हैं। इस अवसर पर कुछ मेधावी छात्रों को पुरस्कृत भी किया गया। स्व.बी.आर. कुम्भट स्मृति सेवा संस्थान ने सभी छात्रों को हाथ घड़ी भेंट की। इससे पूर्व इसी संस्थान ने छात्रावास को 4 कम्प्यूटर भी अर्पित किए थे।
समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री गुणवन्त सिंह कोठारी ने कहा कि पूरे देश में वनवासी कल्याण आश्रम की देखरेख में 180 छात्रावास, 9418 सेवा प्रकल्प और 11,970 विभिन्न योजनाएं चल रही हैं। केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश में 180 सेवा प्रकल्प 140 स्थानों पर काम कर रहे हैं। वनवासी कल्याण आश्रम का लक्ष्य है लगभग 700 उपजातियों में बंटे जनजातीय समाज को संगठित करना एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाना। इस दृष्टि से हर वनवासी गांव में पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। प्रत्येक तहसील में एक आदर्श गांव भी तैयार किया जाएगा। श्री कोठारी ने कहा कि वनवासियों ने सदैव अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है। हृदय की विशालता, संवेदनशीलता एवं व्यवहार-कुशलता का पाठ वनवासियों से सीखा जा सकता है। समारोह में तीन जीवनव्रती कार्यकर्ताओं श्री तिलकराज कपूर (आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री), श्री अवध बिहारी (सह संगठन मंत्री) एवं डा. गुलाब दत्त त्रिपाठी (संस्थापक अध्यक्ष, कानपुर महानगर समिति) को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री अर्जुन प्रसाद खत्री सहित संघ एवं आनुषांगिक संगठनों के अनेक अधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। – आर.एन.विश्वकर्मा
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