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दाम इसलिए घटे क्योंकि….
अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से कई देशों में पेट्रोल और डीजल के दामों में कुछ कमी की गई। भारत सरकार ने भी 29 नवम्बर की आधी रात से पेट्रोल 2 रुपए और डीजल 1 रु. सस्ता किया है। पर कांग्रेसी और कुछ मीडियाकर्मी इसे सोनिया गांधी का कमाल बताते हुए आम आदमी के प्रति उपजी “दया” का बखान कर रहे हैं। मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा जा रहा है कि श्रीमती सोनिया गांधी के कहने पर सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यदि सोनिया के कहने पर सरकार कीमतें कम कर रही है तो “मैडम” सरकार से गेहूं, आलू, चना, दालों आदि की कीमतें कम करने के लिए क्यों नहीं कहती हैं। इसी तरह का एक और मामला है। पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से कुछ दिनों के लिए राहत दी। तुरन्त कुछ कांग्रेसी मीडिया के साथ 10, जनपथ पहुंचे। वहां कैमरों के सामने उन लोगों ने कहा “मैडम” ने पहल करके दिल्ली के व्यापारियों को राहत दिलाई है, हम उनका आभार व्यक्त करने के लिए यहां आए हैं। पर ध्यान रहे कि सीलिंग मुद्दे पर कभी भी सोनिया गांधी ने एक शब्द भी नहीं कहा और व्यापारी उजड़ते रहे। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में कुछ लोग ऐसे हैं जो इस फिराक में ही लगे रहते हैं कि “मैडम” की छवि कैसे चमकाई जाए।
मुंह दिखाई में वोट!
मुलायम सिंह यादव के मस्तिष्क पर इस समय अमर सिंह पूरी तरह हावी हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में वोट पाने के लिए हर हथकंडा अपनाने की उनकी तैयारी है। गत 27 नवम्बर को अमिताभ बच्चन सपरिवार वाराणसी में काशी विश्वनाथ एवं संकटमोचन मंदिर में दर्शनार्थ गए थे। वहां उन्होंने मंगल आरती में भाग लिया तथा उनके लिए अनेक विशिष्ट पूजाएं भी सम्पन्न की गयीं। उनके साथ प्रख्यात अभिनेत्री ऐश्वर्य राय भी थीं। काफी समय से चर्चा है कि अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्य का विवाह होने जा रहा है। वाराणसी में दोनों के एक साथ पूजा में भाग लेने से इसकी पुष्टि होती लगती है। पर इसके पीछे असली खेल अमर सिंह का दिखाई दे रहा है। वे भी इस प्रवास में पूरे समय बच्चन परिवार के साथ थे। कुछ लोगों का मत है उ.प्र. के विधानसभा चुनाव से पूर्व यह विवाह सम्पन्न हो जाएगा और पिछली बार जिस प्रकार अमिताभ बच्चन को मंचों पर बुलाकर वोट मांगे गए थे, इस बार अभिषेक और ऐश्वर्य को दिखाया जाएगा। विवाह के बाद महिलाएं मुंह दिखाई में नववधू को उपहार देती हैं। अमर सिंह मुंह दिखाई में आम जनता और विशेषकर युवाओं से वोट मांगने की योजना बना रहे हैं।
कामरेडों की कथनी-करनी में भेद
वामपंथी एक तरफ तो भारत- अमरीका परमाणु समझौते का खुलकर विरोध कर रहे हैं, दूसरी तरफ उसके संभावित लाभ को प्राप्त करने के लिए अन्दर ही अन्दर सम्बंधित लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं। पता चला है कि खुद वरिष्ठ वामपंथी नेता एवं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य इस प्रयास में हैं कि बंगाल में भी एक परमाणु संयंत्र स्थापित हो। उल्लेखनीय है कि इन परमाणु केन्द्रों के लिए ईंधन अमरीका से ही प्राप्त होगा। यह जानते हुए भी मुख्यमंत्री बुद्धदेव ने परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष एस.के.जैन, जो पिछले दिनों बंगाल गए थे, से कहा कि पूर्वी मेदिनीपुर में हर हालत में एक परमाणु केन्द्र स्थापित होना चाहिए। वामपंथियों के इस दोहरे मापदण्ड से लोग हैरान हैं। माकपा की एक और दोहरी नीति देखिए। जब राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि की सरकारें कृषि भूमि पर उद्योग लगाने की बात करती हैं तो माकपा गुर्राती है। पर वही माकपा बंगाल में अनेक कम्पनियों को उद्योग चलाने के लिए कृषि योग्य भूमि सौंप रही है। सिंगापुर के सलीम उद्योग को कृषि योग्य जमीन सौंपने का बवाल अभी थमा भी नहीं है कि सिंगूर में भी एक निजी उद्योग कंपनी को कृषि भूमि सौंप दी गई। ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ सड़क पर मोर्चा खोला, तो ममता के खिलाफ माकपाई कूद पड़े। जमकर नारेबाजी की गई और प्रदर्शन को तहस-नहस कर दिया।
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