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कितना संवेदनशील है महिलाओं के प्रति समाज?
भारत में धीरे-धीरे महिलाओं की सार्वजनिक जीवन में भूमिका बढ़ गई है। घर की दहलीज लांघकर महिलाएं अब सेना, प्रशासन, अध्यापन, प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, व्यवसाय, समाज कार्य, राजनीति आदि सभी क्षेत्रों में अग्रसर हैं। क्या आज का समाज भी महिलाओं की अस्मिता और उनकी प्रतिष्ठा के प्रति उतना ही संवेदनशील हैै? क्या है आपके शहर, मोहल्ले और गांव की स्थिति? कृपया इस बिन्दु पर अपना या अपने किसी निकटवर्ती का अनुभव लिख भेजिए। अपने विचार लगभग 250 शब्दों में भेजें। नाम, पता लिखें और हां, अपना रंगीन फोटो भेजना न भूलें। चुने गए पत्रों पर 250/- रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। -सं.
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स्त्री स्तम्भ
द्वारा, सम्पादक, पाञ्चजन्य,
संस्कृति भवन, देशबन्धु गुप्ता मार्ग,
झण्डेवाला, नई दिल्ली-55
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