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-अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री
वचनेश जी के निधन का समाचार सुनकर अटल जी भावविह्वल हो उठे। उन्होंने वचनेश जी के सुपुत्र डा. प्रमोद त्रिपाठी को दूरभाष पर सांत्वना दी। वचनेश जी के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए अटल जी ने श्री प्रमोद त्रिपाठी को जो पत्र लिखा, उसके संपादित अंश इस प्रकार हैं-
वचनेश त्रिपाठी जी के निधन का समाचार सुनकर मुझे गहरा दु:ख पहुंचा है। एक आदर्श स्वयंसेवक और महान क्रांतिकारी हमारे बीच में से उठ गये। उन्होंने संघ और जनता की नि:स्वार्थ सेवा करने में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित किया। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत क्षति पहुंची है। श्री वचनेश जी पाञ्चजन्य के सम्पादक रहे और कुशलतापूर्वक उसका संचालन किया। विचारों के प्रति पूर्णतया समर्पित, कुशल संगठक और विचारक के रूप में वचनेश जी सदैव याद किए जाएंगे। परमात्मा से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को सद्गति एवं परिवारजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें।
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