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तुरंत चुनाव हों, हम गंगा की तरह पवित्र और हिमालय की तरह स्वच्छ शासन देंगेभगत सिंह कोश्यारी धरती से जुड़े उन राजनेताओं में से हैं जिनके बारे में उनके विरोधी भी मानते हैं कि उन्हें पद और सत्ता के अहंकार ने छुआ तक नहीं है। एक साधारण अध्यापक के रूप में उन्होंने जीवन शुरू किया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक स्वयंसेवक के नाते उन्होंने सादगी और समन्वय की भावना के साथ राजनीति में प्रवेश किया। उत्तरांचल की स्थिति के संदर्भ में जिस दिन उनसे बातचीत हुई उससे एक दिन पहले ही भाजपा द्वारा उत्तराञ्चल विधानसभा का जबरदस्त घेराव किया गया था। और अब वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह की भारत सुरक्षा यात्रा के स्वागत की तैयारी में जुटे हैं।- प्रस्तुति: तरुण विजयउत्तराञ्चल में श्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भारत सुरक्षा यात्रा आएगी। उसका यहां की राजनीति और चुनावी समीकरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?अभी कल ही हमारे हजारों कार्यकर्ताओं ने असाधारण उत्साह का प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव किया। अब पूरा संगठन सुरक्षा यात्रा को उत्तराञ्चल क्षेत्र में सफल बनाने के लिए जुटेगा। उत्तराञ्चल के जनमानस को प्रारंभ से ही राष्ट्रीय मुद्दे प्रभावित करते रहे हैं। यह देवभूमि है, यहां देश में जो भी घटता है उसका असर होता है। श्री रामजन्मभूमि का मुद्दा हो या महंगाई का, यहां के लोगों ने हर मुद्दे पर अपनी वाणी मुखर की है। श्री राजनाथ सिंह की भारत सुरक्षा यात्रा खटीमा, हल्द्वानी, रामनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश होते हुए देहरादून आएगी और लगभग 15-16 विधानसभा क्षेत्रों को स्पर्श करेगी। इस यात्रा के माध्यम से अनैतिक तुष्टीकरण, आतंकवाद और विभाजनकारी राजनीति के विरुद्ध उमड़ रहे जनाक्रोश को मुखर अभिव्यक्ति मिलेगी। जहां तक उत्तराञ्चल का प्रश्न है, हमारी मांग है कि उत्तराञ्चल पर छाए संवैधानिक संकट को देखते हुए यहां तुरंत चुनाव हो जाने चाहिए। स्थिति यहां तक बिगड़ गयी है कि मंत्रिमण्डल में लिए गए निर्णय के विरुद्ध भी मंत्रियों की चिट्ठियां सार्वजनिक हो जाती हैं, जो सामूहिक जिम्मेदारी से सम्बंधित संविधान के अनुच्छेद 164 का उल्लंघन है। 15-15 विधायक लाभ के पद पर बैठे हुए हैं परन्तु उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। उनके इस्तीफे की मांग को लेकर हमने राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया है। श्रीमती सोनिया गांधी का इस संदर्भ में इस्तीफा नैतिकता नहीं, नाटक है। यदि वे प्रामाणिक होतीं तो अपने उन सभी सांसदों और विधायकों को भी इस्तीफा देने का निर्देश देतीं जो लाभ के पद पर बैठे हुए हैं।उत्तराञ्चल में चुनाव का मौसम शुरू हो गया है। ऐसी स्थिति में राज्य के संदर्भ में आप अपनी क्या दृष्टि और कल्पना जनता के सामने रख रहे हैं?उत्तराञ्चल हिमालय और गंगा का राज्य है। इसलिए भाजपा की मान्यता है कि यहां का शासन गंगा की तरह पवित्र और हिमालय की तरह स्वच्छ होना चाहिए। हमारी सरकार ने 15 हजार से अधिक नियुक्तियां की थीं लेकिन एक नियुक्ति में भी किसी घूस या घोटाले की छींट नहीं पड़ने दी। इस बार भी हमारा शासन शुचिता पर जोर देगा और इस बात के लिए काम करेगा कि जनता की शासन, प्रशासन और राजनीति के प्रति ईमानदारी में आस्था बने। वर्तमान कांग्रेस शासन ने तो भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को करोड़ों रु. दिए गए हैं। सारी मान्यताएं टूटी हैं।भाजपा के शासन में हम पर्यटन विकास द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार, विद्युत उत्पादन में छोटे बांधों को प्रमुखता तथा जड़ी-बूटी उद्यानों को प्रोत्साहन का आश्वासन देते हैं। उत्तराञ्चल प्रदेश में जड़ी-बूटियों के विकास का अन्तरराष्ट्रीय स्तर का अवसर और वातावरण है। विशेष रूप से धारचूला से लेकर हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगा क्षेत्र जड़ी-बूटियों के विकास का विशाल केन्द्र बन सकता है। इससे हजारों लोगों को रोजी-रोटी मिलेगी। हम हर गांव को सड़क से जोड़ने की श्री अटल बिहारी वाजपेयी की योजना पूरी करेंगे, जोकि वर्तमान सरकार के राज में अधर में लटक गई है। इसी प्रकार उत्तराञ्चल के कोने-कोने को संचार तंत्र से जोड़ने का काम पूरा किया जाएगा। अभी तो स्थिति यह है कि सड़क निर्माण योजनाओं के लिए मनमोहन सिंह सरकार ने जो पैसा दिया है वह तो अप्रयुक्त पड़ा ही है, वाजपेयी सरकार के समय दिया गया पैसा भी पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हुआ है। हमारा संकल्प है कि उत्तराञ्चल को भारत का ऊर्जा प्रदेश बनाएंगे।आपने उत्तराञ्चल को देवभूमि कहा, परन्तु आपकी सरकार के समय में भी तीर्थों के विकास पर विशेष जोर नहीं दिया गया। गंगोत्री जैसे तीर्थ में भी न बिजली है, न फोन सुविधा और न ही यात्रियों के रुकने के लिए विशेष व्यवस्था?हमारी सरकार ने तीर्थों के विकास पर बहुत जोर दिया था और देश का पहला तीर्थाटन मंत्रालय भी उत्तराञ्चल में बनाया। सवा साल के कार्यकाल में हमने तीर्थों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपए आवंटित किए। बैजनाथ-जागेश्वर तक के लिए विकास योजनाएं बनी थीं। चार धाम परिसर बनाया गया था, जिसके अध्यक्ष श्री जगमोहन थे। परन्तु हमें समय कम मिला और जब तक योजनाओं का फल दिखता, सरकार बदल गयी।उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने कैलास-मानसरोवर यात्रियों के लिए 5 हजार रु. प्रति यात्री अनुदान देना शुरु किया था। यह यात्रा पूरी तरह से उत्तराञ्चल से गुजरती है, परन्तु उत्तराञ्चल सरकार ने ही यह अनुदान देना बंद कर दिया है?हम सरकार में आने के बाद निश्चित रूप से यह अनुदान देना पुन: प्रारंभ करेंगे।उत्तराञ्चल भाजपा के बारे में कहा जाता है कि पिछली बार भी कांग्रेस ने नहीं बल्कि भाजपा ने ही भाजपा को हराया। अब क्या स्थिति है?हम सब एकजुटता के साथ चुनाव में सफलता के लिए सक्रिय हैं। हम प.पू. श्री गुरुजी के, “मैं नहीं तू ही” वाक्य पर विश्वास रखते हुए काम कर रहे हैं। हममें से प्रत्येक नेता अपने को बढ़ाने की बजाय दूसरे साथी को आगे बढ़ाने की भावना से लगा हुआ है। इसलिए भितरघात या आपसी लड़ाई जैसा सवाल ही नहीं उठता।प.पू. श्री गुरुजी के जन्म शताब्दी वर्ष में हम समरसता के संदर्भ में विशेष अभियान चला रहे हैं और प्रदेश की सभी 672 न्याय पंचायतों में समरसता के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उत्तरांचल छोटा प्रदेश है। लेकिन यहां भाजपा संगठन ने जैसे कार्यक्रम हाथ में लिए हैं उससे हम विनम्रतापूर्वक कह सकते हैं कि हमने भाजपा की अन्य राज्य इकाइयों के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। जैसे अनुसूचित और जनजाति मोर्चे का हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम हुआ। हमारे चिकित्सा प्रकोष्ठ ने गांव-गांव में ग्रामीणों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए शिविर लगाए। भाजपा संगठन ने “गांव चलो, घर-घर चलो” का अभियान भी छेड़ा है, जिसके अन्तर्गत हर स्तर का कार्यकर्ता, चाहे वह विधायक हो या सांसद, गांव-गांव में जन सम्पर्क और जन समस्याओं के समाधान के लिए एकजुटता निर्माण करने के लिए निकला है। जनता ने मन बना लिया है- अगले चुनाव में भाजपा ही आएगी।19
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