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जड़-मूल से आतंकवाद का खात्मा जरूरी”आतंकवाद वह षडंत्र है जिसका सिर्फ दसवां हिस्सा ही पानी के ऊपर दिखाई पड़ता है। उसका 90 प्रतिशत हिस्सा तो अदृश्य ही रहता है। लेकिन जब वह सामने आता है तो उसके विस्फोटक रूप को देखकर मानवता सिहर उठती है। आतंकवाद को जड़-मूल से उखाड़ फेंकना ही आतंकवाद से निपटने का एकमेव उपाय है।” यह कहना है कोंकण क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक डा. सत्यपाल सिंह का। श्री सिंह गत 9 सितम्बर को मुम्बई में बान्द्रा स्थित हिन्दू एसोसिएशन के सभागार में आतंकवाद विरोधी संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन भारतीय मुस्लिम संघ के द्वारा किया गया था। डा. सिंह ने कहा कि आतंकवादियों को मारने, उनकी धर-पकड़ करने मात्र से काम नहीं चलेगा, आतंकवाद तो ऐसा जिन्न है कि वह पुन: अनगिनत आतंकवादी पैदा कर देगा इसलिए आतंकवाद के मूल स्रोत पर प्रहार करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि डा. सिंह ने अपना शोध कार्य “नक्सली आतंकवाद” पर पूर्ण किया है। उन्होंने आतंकवाद के विविध रूपों, उसकी भयावहता और उसकी समाप्ति के उपायों पर विस्तार से अपना अनुभव प्रस्तुत किया।संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पत्रकार एवं लेखक पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन ने कहा कि दुनियाभर के मुसलमानों को भारत का शुक्रगुजार होना चाहिए। इन मुसलमानों पर भारत के बहुत अहसान हैं। विश्व का प्रथम कुरान छापने का श्रेय लखनऊ के पंडित नवल किशोर को ही जाता है। श्री हुसैन ने कहा कि मुसलमान जब तक भारतीय भाषाओं को नहीं अपनाते, वे अपनी समस्याओं से देश को परिचित नहीं करवा सकते। इसलिए अरबी और उर्दू को अपनी पहचान बताने का मोह मुसलमानों को त्यागना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व स्कूल इंस्पेक्टर श्री रियाजुद्दीन शेख ने की और संचालन यासीन मोहम्मद ने किया। इस अवसर पर मुम्बई बमकाण्ड में मारे गए लोगों को श्रद्धाञ्जलि भी दी गई। -प्रतिनिधि13
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