कारगिल युद्ध द्वितीय
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

कारगिल युद्ध द्वितीय

by
Aug 10, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 10 Aug 2006 00:00:00

इन द लाइन आफर फायर बनाम “गद्दार कौन”-पी.एन. खेड़ासरहद के दूसरी तरफ आजकल एक दूसरा कारगिल युद्ध लड़ा जा रहा है। इस बार यह पाकिस्तानी राष्ट्रपति मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच चल रहा है। लेकिन इस युद्ध की विशेषता यह है कि यह हथियारों के दम पर नहीं बल्कि शब्दों से लड़ा जा रहा है।पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साक्षात्कारों पर आधारित उनकी आत्मकथा बाजार में पहले ही आ चुकी है। यह किताब उर्दू में लिखी गई है जिसका शीर्षक है- “गद्दार कौन, नवाज शरीफ की कहानी उनकी अपनी जुबानी।” पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र जंग के राजनीतिक संपादक और प्रसिद्ध टी.वी. साक्षात्कारकर्ता सुहैल बड़ैच ने इसे कलमबद्ध किया है। नवाज शरीफ ने मुशर्रफ पर आरोप लगाया है कि कारगिल की घटना के समय उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया। इस युद्ध की जानकारी उन्हें तब मिली जब इसे शुरू हुए चार महीने हो चुके थे। मुझे केवल इतना बताया गया था कि इस युद्ध से कोई परेशानी नहीं होगी और किसी तरह का जानमाल का नुकसान भी नहीं होगा। वहीं दूसरी तरफ मुशर्रफ की आत्मकथा इन द लाइन आफ फायर का 25 सितम्बर को अमरीका में विमोचन हुआ। अपनी किताब में मुशर्रफ ने लिखा है कि नवाज शरीफ को कारगिल घटना की पूरी जानकारी थी। उन्हें इस सम्बंध में कई बार बताया गया था।जब सुहैल बड़ैच ने नवाज शरीफ से प्रश्न किया कि कारगिल कैसे शुरू हुआ और एक प्रधानमंत्री होने के नाते आपको कितना विश्वास में लिया गया तो नवाज शरीफ का जवाब था कि मुझे कारगिल मामले पर रत्तीभर भी भरोसे में नहीं लिया गया।चार महीने बाद मुझसे यह जरूर कहा गया कि पाकिस्तानी सेना इस हमले में शामिल नहीं होगी और यह केवल मुजाहिदीनों का हमला होगा लेकिन जब कारगिल शुरू हुआ तो पूरी नार्दर्न लाइट इन्फेंट्री इससे जुड़ गई और तबाह हो गई। कारगिल लड़ाई में पाकिस्तान के 2700 जवान शहीद हो गये और सैकड़ों लोग घायल भी हुए। यह संख्या 1965 और 1971 के युद्धों के शहीदों की संख्या से कहीं ज्यादा थी। इतना नुकसान हुआ तो मैंने जनरल मुशर्रफ से पूछा कि आप तो कहते थे सेना का नुकसान नहीं होगा। तो उनका जवाब था कि भारतीय सेना “कारपेट” बमबारी कर रही थी। जब मैंने पूछा कि पहले आपको अंदाजा नहीं था कि भारतीय सेना इस प्रकार की बमबारी कर सकती है तो कहने लगे कि नहीं मालूम था। जब वाशिंगटन का समझौता हुआ तब तक आधी चौकियां भारतीय सेनाएं खाली करा चुकी थीं और आगे बढ़ रही थी। मैंने मुशर्रफ और पाकिस्तानी सेना की इज्जत रख ली, वरना उनके पल्ले कुछ न रहता।इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी पत्रकार से बातचीत में “कारगिल की मूर्खता” के लिए जनरल परवेज मुशर्रफ, जनरल अजीज, जनरल महमूद और जनरल जावेद हसन को जिम्मेदार ठहराया। इस बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उनसे पूछे बिना पकिस्तान सेना चार महीने तक कारगिल में बैठी रही। मुझे तो श्री वाजपेयी से पता चला कि हमारी सेना क्या कर रही है, जबकि युद्ध का फैसला केवल जनरलों को नहीं बल्कि पूरे देश को करना होता है। हद तो तब हुई कि कारगिल मामले से वायुसेना प्रमुख और कोर कमांडर तक अवगत नहीं थे। इस लड़ाई में 2700 सैनिक शहीद हो गये। पता नहीं सेना के जनरलों की बुद्धि कहां थी। नवाज शरीफ ने कहा कि कारगिल के सम्बंध में बहुत घटिया योजना बनाई गई थी। इस लड़ाई का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान की बातचीत को प्रभावित करना था। उन्होंने कहा कि जब स्थिति बिगड़ने लगे तो जनरल मुशर्रफ मेरे पास भागे आये कि हमें बचाएं। मुझे Ïक्लटन और टोनी ब्लेयर की कड़वी बातें सुननी पड़ीं लेकिन मैंने सब बर्दाश्त किया। कारगिल से पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। (अडनी)10

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies