उड़िया भाषा की
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

उड़िया भाषा की

by
Aug 10, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 10 Aug 2006 00:00:00

पहली महिला पत्रकार-स्नेहलता महापात्रउड़ीसा के पत्रकारिता जगत में श्रीमती स्नेहलता महापात्र का नाम मील का पत्थर है। वस्तुत: उड़िया भाषा यानी आंचलिक पत्रकारिता में महिलाओं की दस्तक के रूप में सबसे पहले उन्होंने ही कदम आगे बढ़ाए। इसे संयोग कहें या ईश्वर का आशीर्वाद, उन्हें पत्रकारिता और लेखन की डगर पर हमसफर भी “एक मन- एक मंजिल” वाले मिले। सन् 1952 में उड़ीसा के जाने माने पत्रकार श्री चिन्तामणि महापात्र से उनका विवाह हुआ और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।बचपन से ही उनमें लिखने-पढ़ने की ललक थी। सन् 1920 में कालाहांडी जिले के भवानी पाटना नामक कस्बे में पिता श्री वासुदेव रथ और माता श्रीमती सावित्री देवी की संतान के रूप में उन्होंने जन्म लिया। जब बेटी के मन में पढ़ने की उत्कंठा दिखी तो माता-पिता ने इसकी व्यवस्था भी की। स्नेहलता ने भवानी पाटना के हाईस्कूल से 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इस बीच कालाहांडी जिले की गरीबी, दुर्दशा, अकाल आदि परिस्थितियों को जब उन्होंने देखा, बस वहीं से उनके मन का लेखक व्याकुल हो उठा। और कालांतर में जब लेखनी चलने लगी तो वह उड़िया पत्रकारिता के क्षेत्र में न केवल सशक्त हस्ताक्षर बनीं वरन् उड़िया साहित्य को भी उन्होंने अपने निबन्धों, उपन्यासों, कहानी संग्रह आदि से समृद्ध किया। सन् 1977 में “अव्यक्त” नाम से उनका कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ। सन् 2001 में इस संग्रह का पुन: प्रकाशन हुआ है। उन्होंने कालाहांडी में बंधुआ मजदूरों की जिस दुर्दशा को निकटता से देखा, उसे “पीलू” नामक नाटक में आवाज दी। यह नाटक बाद में आकाशवाणी से प्रसारित हुआ और आगे इतना लोकप्रिय हुआ कि इसे अनेक भाषाओं में अनूदित भी किया गया। सन् 1967 से 1971 तक श्रीमती स्नेहलता ने अपने पति श्री चिंतामणि महापात्र को एक मासिक पत्रिका “विवरणी” निकालने में सहयोग दिया। पति-पत्नी दोनों मिलकर इसका प्रकाशन एवं संपादन करते थे।श्रीमती स्नेहलता आज भी लेखन और साहित्य सृजन में सक्रिय हैं, यद्यपि 4 वर्ष पूर्व उनके पति श्री चिंतामणि का देहावसान हो गया। अपने पति की स्मृतियों को मन में संजोए वे कहती हैं, “उन्होंने उदीयमान पत्रकारों को हमेशा प्रेरित किया। विशेषकर उड़िया भाषा में लिखने वाले युवा पत्रकारों, साहित्यकारों से मिलना तथा प्रेरित करना उन्हें अच्छा लगता था। मैं उनके इसी काम में लगी हूं। युवा पत्रकारों को मेरा यही कहना है कि हमेशा सचाई के मार्ग पर चलें और पथ पर चाहें जितनी बाधाएं आएं, साहस के साथ उनका सामना करें।” अनेक सम्मानों से श्रीमती स्नेहलता को नवाजा जा चुका है लेकिन उनके अनुसार, “सबसे संतोष की बात तो यही है कि मैं निरंतर अपनी मातृभाषा में लिखती रही। नि:संन्देह मुझे उड़िया भाषा से प्रेम है, लगाव है।” और इसी लगाव का परिणाम है कि उन्हें उत्कल भारती सम्मान, नन्दकिशोर महापात्र स्मृति सम्मान, चलपति सम्मान जैसे अनेक प्रसिद्ध सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। स्त्री के स्वावलम्बन तथा स्त्री शक्ति के जागरण में भी उनकी सक्रियता कम नहीं है। ऐसी महिलाएं, जिन्हें तलाक का दंश झेलना पड़ता है या जो विधवा हो जाती हैं और ऐसी भी जिन्हें दहेज-दानव का सामना करना पड़ता है, की सहायता तथा उनके पुनर्वास में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस दृष्टि से 1982 से 1990 तक गंजाम जिला लोक अदालत में आने वाले ऐसे मामलों के निपटारे में उन्होंने सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया था।बनी-ठनी26

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies