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दीनदयाल जी के स्वप्न साकार करना हमारा कर्तव्य
-शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, म.प्र.
भारतीय राजनीति में सादगी एवं शुचिता के प्रतीक तथा एकात्म मानववाद के विचार दृष्टा पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस (25 सितम्बर) के पर उनकी जन्मस्थली दीनदयाल धाम (नगला चन्द्रभान), मथुरा में त्रिदिवसीय स्मृति महोत्सव का आयोजन किया गया। यह महोत्सव 19 से 21 सितम्बर तक सम्पन्न हुआ। इस दौरान रंगोली, ब्राज के लोकगीत, कुश्ती, राष्ट्रीय कवि सम्मेलन, पशु चिकित्सा शिविर, स्वस्थ देशी बैल जोड़ी और बाल कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंतिम दिन प्रदर्शनी में लगे श्रेष्ठ स्टालों और विजेता प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया।
स्मृति महोत्सव के पहले दिन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष श्री केसरीनाथ त्रिपाठी ने कृषि एवं ग्राम्य विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। अगले दिन दीनदयाल धाम के मैदान में एक विशाल सार्वजनिक सभा हुई, जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान तथा भारत विकास परिषद् के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्री सु. रामन्ना मुख्य अतिथि थे। श्री शिवराज सिंह चौहान ने पंडित दीनदयाल जी को भारतीय राजनीति का आदर्श बताते हुए कहा कि उनके स्वप्न को साकार करना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने मध्य प्रदेश शासन की ओर से दीनदयाल धाम को विभिन्न सेवा व शोधपरक कार्यों के लिए 20 लाख रुपए देने की भी घोषणा की।
इससे पूर्व गत 4 सितम्बर को दीनदयाल धाम में ही पंडित जी की स्मृति में निर्मित विद्यालय भवन का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण राम कथा के मर्मज्ञ संत श्री विजय कौशल जी महाराज के हाथों सम्पन्न हुआ। लोकार्पण के बाद उन्होंने कहा- “भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने में विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षा से ही मनुष्य उत्तरोत्तर उन्नति करता हुआ सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य को प्राप्त करता है।” कार्यक्रम में उपस्थित रा.स्व.संघ के अ.भा. प्रचारक प्रमुख श्री सुरेश राव केतकर ने कहा कि संस्कार युक्त शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले श्रेष्ठ नागरिक निर्मित करती है। कार्यक्रम में रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी, विद्या भारती के अ.भा. उपाध्यक्ष श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री ब्राह्मदेव शर्मा “भाई जी”, सह संगठन मंत्री श्री प्रकाश चन्द्र के साथ अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित थे। मुरली मनोहर कूड़ा
लद्दाख में भी बाढ़, 15 मरे, पर किसी ने नहीं छापा
पिछले दिनों देश के अनेक हिस्सों में बाढ़ आई हुई थी, पर राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा जैसे राज्यों पर ही लगा रहा। किसी का भी ध्यान लद्दाख क्षेत्र में आई उस बाढ़ की ओर नहीं गया जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और 800 लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाना पड़ा। मरने वालों में सेना के 3 जवान भी शामिल हैं। भारी वर्षा के कारण लेह-श्रीनगर और लेह-मनाली मार्ग के बंद हो जाने से राज्य का सीमांत प्रांत कई दिनों तक देश के बाकी हिस्सों से कटा रहा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए सेना के 300 जवानों को लगाया गया। इस बाढ़ से सबसे ज्यादा कारगिल और लेह के क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। -प्रतिनिधि
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