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विचार की मजबूती और आचरण शुद्धि पर बल- मुंबई प्रतिनिधिस्वर्ण जयन्ती अधिवेशन में (बाएं से) श्री राजनाथ सिंह, श्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं श्री लालकृष्ण आडवाणीभाजपा का रजत जयंती अधिवेशन वैचारिक मजबूती और आचरण शुद्धि पर बल के आग्रह के साथ सम्पन्न हुआ। भाजपा की स्थापना को 25 वर्ष पूर्ण हुए हैं और इस मौके पर जहां उत्साह और उमंग दिखनी चाहिए वहीं मुम्बई अधिवेशन महज रस्म अदायगी से बढ़कर नही दिखा। 29 और 30 दिसम्बर, 1980 को बांद्रा में जिस स्थान पर पहला अधिवेशन हुआ था, उसी स्थान पर और उन्हीं तिथियों पर यह रजत जयंती अधिवेशन आयोजित किया गया था। इसके साथ ही 27 तथा 28 दिसम्बर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक भी आयोजित की गई थी।इस अधिवेशन के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी अपना पद छोड़ देंगे, यह घोषणा पहले ही हो चुकी थी। लेकिन सांसद रिश्वत प्रकरण की छाया पूरे अधिवेशन पर मंडराती रही। लेकिन शायद इतना ही काफी नहीं था। कार्यकारिणी के दूसरे दिन एक और सनसनीखेज खबर उजागर हुई। पार्टी के संगठन महासचिव संजय जोशी के इस्तीफे की खबर ने प्रतिनिधियों को स्तब्ध कर दिया। अधिकांश प्रतिनिधियों का कहना था कि संजय जोशी किसी षडंत्र के शिकार हुए हैं। हालांकि भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने अपने भाषण में कुछ उपलब्धियां गिनाकर माहौल सुधारने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, “पिछला साल पीड़ादायक रहा। पर इसका मतलब यह नहीं कि इस कालखंड में कुछ अच्छा हुआ ही नहीं। लोकसभा चुनावों के बाद झारखंड में भाजपा जीती। कांग्रेस तथा अन्य दलों की लाख कोशिशों के बावजूद वहां सरकार बनायी। हाल ही में बिहार में लालू यादव को परास्त कर सत्ता में पहुंचे। गुजरात तो हमें रास्ता दिखा ही रहा है।” इस मौके पर राम मंदिर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, रामजन्मभूमि पर राम का भव्य मंदिर बनाना भाजपा का मिशन है। वरिष्ठ नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने राजनीतिक प्रस्ताव पर भाषण देते हुए कहा, “हममें से कुछ लोगों ने गलतियां की होंगी पर इसका मतलब यह नहीं कि हम रास्ता ही भटक गए हैं। पार्टी को बिना थके, बिना रुके काम करने वाले स्वच्छ चरित्र के कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है।”राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कल्याण सिंह ने कहा कि विकास की बात करते समय हमें हिन्दुत्व को नहीं भूलना चाहिए। राममंदिर के मुद्दे पर हम राजनीति नहीं कर रहे हैं, राम मंदिर बनाना हमारा ध्येय है।अधिवेशन के दूसरे दिन शिवाजी पार्क में एक जनसभा हुई। मंच पर वरिष्ठ भाजपा नेता, भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के नेता विराजमान थे। कमल के आकार का मंच तैयार किया गया था। जिसे फिल्म लगान के कला निर्देशक नितिन देसाई ने तैयार किया था। भाजपा के पिछले 25 सालों की उपलब्धियां कमल की हर पंखुड़ी पर चित्रित की गयी थीं।लालकृष्ण आडवाणी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कांग्रेस सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को अगर सत्ता, सरकार चलानी है तो देश की सुरक्षा, राजनीति में शुचिता तथा समाज जीवन में समरसता लाना आवश्यक होता है। सांसदों के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी वे खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि कोई सांसद अगर भ्रष्टाचारी हो तो उसे कतई माफी नहीं दी जा सकती। ऐसे व्यक्तियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने भाषण में चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “अब मैं चुनाव नहीं लडूंगा, सत्तापद पर नहीं बैठूंगा। लेकिन पार्टी के साथ रहूंगा, संघर्ष में साथ दूंगा।”मुंबई प्रतिनिधि9
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