अमरीका में पाठक्रम संशोधन पर सजग हुए हिन्दू, कहा -
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अमरीका में पाठक्रम संशोधन पर सजग हुए हिन्दू, कहा –

by
Aug 1, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 01 Aug 2006 00:00:00

हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विद्वत परम्परा के विरुद्ध हैं वित्जेल

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल वित्जेल “संस्कृत” भाषा के विद्वान हैं, किन्तु इधर उनकी दिलचस्पी भारतीय इतिहास में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। शायद इसे उनके भारतीय वामपंथी इतिहासकार मित्रों की संगत का असर ही माना जाएगा कि अब वह हिन्दू संस्कृति पर खुली चोट कर रहे हैं। भारत के वामपंथी इतिहासकारों, जिनमें रोमिला थापर प्रमुख हैं, द्वारा उन्हें इस कार्य में पूरी मदद मिल रही हैं। प्रो. वित्जेल ने अपनी आलोचनाओं में अमरीकी हिन्दुओं-सिखों के वर्तमान रहन-सहन पर भी निशाना साधा है। उनके अनुसार, “अमरीकी हिन्दुओं का हिन्दुत्व अब “बोर करने वाली प्रथाओं” के रूप में ही बचा है। प्रो. वित्जेल ने कैलीफोर्निया की पाठ पुस्तकों में काली देवी को “खून की प्यासी”, आर्यों को आक्रमणकारी, हनुमान को “बन्दर” आदि बताने का समर्थन करते हुए इसे हटाने का पुरजोर विरोध किया है। परन्तु यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रो. वित्जैल ने एक बार भी पाठक्रम संशोधन हेतु गठित विशेषज्ञ समिति के समक्ष कोई लिखित आपत्ति दर्ज नहीं कराई। इसके विपरीत उन्होंने दशकों पुराने “सुनियोजित अनुसंधानों” को ही वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित अन्तिम सत्य घोषित कर दिया है। यह बात अलग है कि अनेक नवीन अनुसंधानों, विद्वतापूर्ण शोधपत्रों, इतिहास के विशेषज्ञों से समुचित विचारोपरांत जब विशेषज्ञ समिति ने संशोधनों हेतु सहमति दे दी तो वे विरोध पर उतारू हो गए। जो भी हो, अमरीका में प्रो. माइकल वित्जेल के विरुद्ध अमरीकी हिन्दुओं ने भी कमर कस ली है। अन्तरताने पर इससे सम्बंधित एक याचिका पर हजारों हिन्दुओं ने हस्ताक्षर कर हार्वर्ड विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष सवाल खड़ा कर दिया है कि इस तरह के नवीन अनुसंधानों के विरोधी, पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यक्ति किस तरह ऐसे विश्वविद्यालय में काम कर रहा है, जिस विश्वविद्यालय का अपना श्रेष्ठ अकादमिक इतिहास रहा है।

एजुकेटर्स सोसाइटी फार द हेरिटेज आफ इण्डिया, अमरीका के संस्थापकों में से एक श्री कंचन बनर्जी कहते हैं कि, “अमरीका में भारतीय इतिहास व संस्कृति से जुड़ी प्रत्येक पाठ पुस्तक में भारतीय जाति व्यवस्था, छुआछूत, गरीबी, पशुओं की पूजा आदि को ही हिन्दू धर्म के रूप में चित्रित किया गया है। और तो और “इनकार्टा” जैसे प्रमाणिक संदर्भ पुस्तकों में भी हिन्दुत्व को नकारात्मक अर्थों में व्याख्यायित किया गया है। परिणामत: न केवल अमरीकी समाज वरन् हिन्दुओं की नई पीढ़ी भी अपने देश, धर्म व संस्कृति के प्रति एक अजीब-सी नकारात्मक मनोदशा से गुजर रही है। ऐसे में पाठक्रम में तथ्यों को ठीक किया जाना बहुत जरूरी था।” कंचन बनर्जी का यह भी मानना है कि अनेक पाश्चात्य विद्वानों जैसे वाल्तेयर, लाप्लास, अल्बर्ट आइंस्टीन, मार्क ट्वेन और विल डयूरां द्वारा भारत और हिन्दू धर्म के संदर्भ में किये गए सकारात्मक वर्णनों से अमरीकी युवा पीढ़ी का परिचय होना आवश्यक है। इससे भारत को समझने में उन्हें मदद मिलेगी। लेकिन इसके विपरीत हिन्दू धर्म एवं हिन्दू संस्कृति के प्रति केवल दूषित मनोवृत्ति रखने के कारण कुछ लोग इस दिशा में परिवर्तनों का विरोध कर रहे हैं।

31

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Chmaba Earthquake

Chamba Earthquake: 2.7 तीव्रता वाले भूकंप से कांपी हिमाचल की धरती, जान-माल का नुकसान नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

जबलपुर: अब्दुल रजाक गैंग पर बड़ी कार्रवाई, कई गिरफ्तार, लग्जरी गाड़ियां और हथियार बरामद

China Rare earth material India

चीन की आपूर्ति श्रृंखला रणनीति: भारत के लिए नया अवसर

भारत का सुप्रीम कोर्ट

बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से SC का इंकार, दस्तावेजों को लेकर दिया बड़ा सुझाव

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

CM भगवंत मान ने पीएम मोदी और भारत के मित्र देशों को लेकर की शर्मनाक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय बोला- यह शोभा नहीं देता

India US tariff war

Tariff War: ट्रंप के नए टैरिफ और भारत का जवाब: क्या होगा आर्थिक प्रभाव?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Chmaba Earthquake

Chamba Earthquake: 2.7 तीव्रता वाले भूकंप से कांपी हिमाचल की धरती, जान-माल का नुकसान नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

जबलपुर: अब्दुल रजाक गैंग पर बड़ी कार्रवाई, कई गिरफ्तार, लग्जरी गाड़ियां और हथियार बरामद

China Rare earth material India

चीन की आपूर्ति श्रृंखला रणनीति: भारत के लिए नया अवसर

भारत का सुप्रीम कोर्ट

बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से SC का इंकार, दस्तावेजों को लेकर दिया बड़ा सुझाव

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

CM भगवंत मान ने पीएम मोदी और भारत के मित्र देशों को लेकर की शर्मनाक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय बोला- यह शोभा नहीं देता

India US tariff war

Tariff War: ट्रंप के नए टैरिफ और भारत का जवाब: क्या होगा आर्थिक प्रभाव?

रील बनाने पर नेशनल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या कर दी गई

गुरुग्राम : रील बनाने से नाराज पिता ने टेनिस खिलाड़ी की हत्या की, नेशनल लेवल की खिलाड़ी थीं राधिका यादव

Uttarakhand Kanwar Yatra-2025

Kanwar Yatra-2025: उत्तराखंड पुलिस की व्यापक तैयारियां, हरिद्वार में 7,000 जवान तैनात

Marathi Language Dispute

Marathi Language Dispute: ‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies