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सहारनपुरवह माधव भी थे, सदाशिव भी-विजय कौशल जी महाराज, प्रख्यात कथाकार”गुरुजी सामान्य मनुष्य नहीं थे। वह माधव भी थे और सदाशिव भी।” यह कहना था प्रख्यात कथाकार श्री विजय कौशल महाराज जी का। वे गत दिनों सहारनपुर में सात दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन श्री गुरुजी जन्म शताब्दी समारोह के अन्तर्गत आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का कुरुक्षेत्र में संकल्प था “परित्राणाय साधुनाम् विनाशाय च दुष्कृताम”। इसी प्रकार सबका मंगल करना भगवान शिव का उद्देश्य है। ये सारे गुण श्रीगुरुजी के सम्पूर्ण जीवन में प्रकट होते रहे। जिस समय श्रीगुरुजी का जन्म हुआ था, उस वक्त धर्म की हानि हो रही थी, आपस में लोग लड़-झगड़ रहे थे। ऐसे में हिन्दुत्व एवं भारत की अस्मिता की रक्षा, वेदों के संरक्षण, हिन्दू समाज के सोए पौरुष को जगाने और उसमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए श्रीगुरुजी का आविर्भाव हुआ। इस अवसर पर श्री रामकथा समिति के संयोजक और विभाग शारीरिक प्रमुख श्री यशपाल भाटिया सहित संघ के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।प्रतिनिधिदिल्लीयज्ञ समान था श्रीगुरुजी का जीवन-मोहिनी मोहन मिश्र, अ.भा. मंत्री, भारतीय किसान संघगत 22 अप्रैल को दिल्ली में बसे उड़ीसा के स्वयंसेवकों ने सरस्वती बाल मंदिर, नेहरू नगर (दिल्ली) में श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इसकी अध्यक्षता रा.स्व.संघ, दिल्ली प्रान्त संघचालक श्री सत्यनारायण बंसल ने की। मुख्य वक्ता थे भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय मंत्री श्री मोहिनी मोहन मिश्र। अतिथि के रूप में उत्कल प्रान्त प्रचारक श्री अजीत प्रसाद महापात्र, दिल्ली प्रान्त धर्म जागरण प्रमुख श्री स्वदेशपाल गुप्त और किट्स डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के कुलपति डा. अच्युत सामन्त उपस्थित थे।कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य अभिमन्यु साहू और उनके साथियों द्वारा महाकवि जयदेव कृत दशावतार के गायन एवं श्रीमती कविता द्विवेदी द्वारा उड़िया नृत्य की प्रस्तुति के साथ हुआ। इस अवसर पर श्री मोहिनी मोहन मिश्र ने श्रीगुरुजी के व्यक्तित्व को चमत्कारी और अतुलनीय बताते हुए कहा कि उनका जीवन यज्ञ समान था।श्री अजीत प्रसाद महापात्र ने कहा कि श्रीगुरुजी ने पुरी पीठ के शंकराचार्य पद को ससम्मान अस्वीकारते हुए संघ मार्ग को चुना था। आज हम सामाजिक उत्थान के लिए जो कुछ भी कर रहे हैं, उसके प्रेरणास्रोत श्रीगुरुजी ही हैं।श्री सत्यनारायण बंसल ने कहा कि दिल्ली में बसे उड़ीसा के स्वयंसेवक अपने को प्रवासी न समझें। दिल्ली तो उनकी कर्मभूमि है। कार्यक्रम का संचालन श्री जतिन मोहन्ती ने किया।शिव नारायण सिंहबेगूसरायजातिगत भावना से ऊपर उठना होगा-राममाधव, सदस्य, अ.भा. कार्यकारिणी मंडल, रा.स्व.संघगत 31 मार्च को मथुरा में वि.सं. 2063 के शुभागमन और श्री गुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर कई कार्यक्रम हुए। प्रात:काल वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाया गया। दिन में सामाजिक सद्भाव गोष्ठी और सायं को कोसीकलां में प्रबुद्धजनों की एक बैठक हुई। इन तीनों कार्यक्रमों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा. कार्यकारिणी मंडल के सदस्य श्री राममाधव ने भाग लिया। सामाजिक सद्भाव गोष्ठी में 54 उप जातियों के 200 से अधिक बन्धु और विभिन्न संगठनों के अधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री राममाधव ने कहा कि वर्तमान समय में जन्मना जाति व्यवस्था का कोई व्यावहारिक अस्तित्व नहीं रह गया है। क्योंकि आज कोई वंचित किसी विश्वविद्यालय में प्राध्यापक है, तो कोई ऊंची जाति का युवक चर्म निर्मित जूतों का व्यवसाय कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्षुद्र स्वार्थों के कारण हिन्दू समाज में विद्वेष पैदा किया जा रहा है। इसके पीछे राजनीतिक कारणों के साथ-साथ विदेशी ताकतें भी शामिल हैं, जो भारत को तोड़ने का दिवास्वप्न देख रही हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत भावनाओं से ऊपर उठकर हमें पूरे समाज को साथ लेकर चलना होगा, तभी हम इस देश का आशानुकूल विकास कर पाएंगे। द मुरली मनोहर कूड़ासारंगढ़हिन्दुत्व और विज्ञान पर चिंतनगत 9 अप्रैल को सारंगढ़ (छत्तीसगढ़) में श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी के अवसर पर “हिन्दुत्व और विज्ञान” विषय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी में उपस्थित विद्वज्जनों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से समाज को मार्गदर्शन मिलता है। इस अवसर पर विद्यापीठ, सारंगढ़ के श्री रतन गोपाल गायत्री एवं प्रजापति ब्राह्म कुमारी संस्थान, सारंगढ़ की श्रीमती तालेश्वरी ने अपने विचार रखे। श्रीमती तालेश्वरी ने हिन्दुत्व एवं ब्राह्म की व्याख्या विज्ञान से जोड़कर की।उपस्थित लोगों ने एक स्वर में संघ कार्यों के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। गोष्ठी के आयोजक थे श्री सुभाष चन्द्र नंदे।प्रतिनिधिदिल्लीभाजपा का जिला कार्यकर्ता सम्मेलनश्रीगुरुजी के जीवन से प्रेरणा लेकर राजनीति में बढ़ेंगत 9 अप्रैल को श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली भाजपा की करोलबाग जिला इकाई के तत्वावधान में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा सांसद प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा एवं विशिष्ट अतिथि पाञ्चजन्य के सम्पादक श्री तरुण विजय थे। कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि परमपूज्य श्रीगुरुजी के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें राजनीति में राष्ट्रीयता के मुद्दों पर दृढ़ता का रुख अपनाना होगा। उन्होंने संघर्ष का आह्वान करते हुए कहा कि दिल्ली में लगभग 4 लाख बंगलादेशी घुसपैठिए हैं और उन्हें कांग्रेस सरकार पनाह दे रही है। शीला दीक्षित सरकार ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को भी कूड़ेदान में डाल दिया है, जिसमें सरकार से कहा गया था कि घुसपैठियों को बाहर करो। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. हर्षवद्र्धन ने श्रीगुरुजी के जीवन के अनेक पहलुओं का स्मरण किया। उन्होंने दिल्ली में मकानों व दुकानों की तालेबंदी पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली वालों ने ऐसा कष्ट मुगलों और अंग्रेजों के समय में भी नहीं देखा-सहा होगा जो आज वे देख-सह रहे हैं। पाञ्चजन्य के सम्पादक श्री तरुण विजय को विशेष रूप से परमपूज्य श्रीगुरुजी के जीवन पर प्रकाश डालने हेतु आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने उद्बोधन में श्रीगुरुजी के जीवन के प्रेरक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि जो पार्टी हिन्दुत्व के मार्ग से डिगेगी, उसे जनता स्वीकार नहीं करेगी। कार्यक्रम में पूर्व सांसद श्रीमती अनिता आर्य, स्थानीय विधायक श्री सुरेन्द्र पाल रातावाल, विधायक श्री मोतीलाल सोढ़ी, प्रदेश महामंत्री श्री आलोक कुमार, पूर्व महामंत्री श्री मूलचन्द चावला सहित अनेक नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में भारतीय जनता युवा मोर्चा, करोलबाग जिला अध्यक्ष श्री अनुज शर्मा एवं अन्य कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।प्रतिनिधि32
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