|
किसी किसान ने आत्महत्या नहीं कीयह है सफेद झूठपंजाब सरकार ने संसद को भेजी एक रपट में बताया है कि अभी तक राज्य में किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। राज्य सरकार द्वारा बोले गए इस झूठ से यहां के लाखों किसान उस केन्द्रीय सहायता राशि से वंचित हो गए हैं जो कर्ज में डूबे राज्य के किसानों के लिए जारी की गई है। अकाली दल (बादल) की सांसद श्रीमती परमजीत कौर गुलशन ने इसे राज्य सरकार द्वारा जनता के प्रति धोखा बताया है। संसद के पिछले सत्र के दौरान होशियारपुर के भाजपा सांसद व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष श्री अविनाश राय खन्ना ने पंजाब में कर्जग्रस्त किसानों द्वारा आत्महत्या करने का मुद्दा उठाया था। इस पर केन्द्रीय कृषि मंत्री ने राज्य सरकार से रपट मांगी थी। बताया जाता है कि केन्द्र सरकार ने इस तरह की रपट अन्य राज्यों से भी मांगी थी। पंजाब सरकार द्वारा भेजी गई रपट में बताया गया कि अभी तक राज्य में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। राज्य सरकार के इस झूठ का परिणाम अब वहां के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार ने कर्जाग्रस्त किसानों वाले राज्यों को विशेष सहायता उपलब्ध करवाई है, परन्तु पंजाब के किसान इससे वंचित रह गए।उल्लेखनीय है कि कपास उत्पादक राज्यों में आंध्रप्रदेश और पंजाब के किसानों ने सर्वाधिक आत्महत्याएं कीं। एक सर्वेक्षण के अनुसार पंजाब के किसान देश के सर्वाधिक कर्जदार किसान हैं। सांसद श्रीमती परमजीत कौर गुलशन के अनुसार अभी तक 2,400 से भी अधिक किसान आत्महत्याएं कर चुके हैं। अभी 17 अप्रैल को बठिंडा के पास कोटशमीर गांव के एक किसान गुरांदित्ता सिंह ने आत्महत्या की थी, वहां शोक व्यक्त करने पहुंचीं सांसद गुलशन ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा संसद में झूठी रपट दर्ज कराने पर विपक्ष के सांसदों ने लोकसभा में जमकर विरोध किया और संसद की विशेषाधिकार समिति के सामने मामला उठाया। समिति ने रपट की जांच करने और राज्य के किसानों की स्थिति जानने के लिए जांच दल भेजने का आश्वासन दिया था। परन्तु अभी तक न तो झूठी रपट भेजने पर राज्य सरकार के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है और न ही कोई जांच दल भेजा गया है। इस बीच इन सारी बातों का नुकसान राज्य के किसानों को उठाना पड़ रहा है। सांसद श्रीमती गुलशन ने बताया आंध्र प्रदेश के किसानों को दी गई विशेष केन्द्रीय सहायता की तर्ज पर पंजाब के किसानों को भी यह सुविधा दने की मांग को लेकर पंजाब के अकाली-भाजपा सांसद केन्द्रीय कृषि मंत्री से बात करेंगे। पंजाब के किसानों के लिए एक और बुरी खबर है कि राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों को धान पर दिए जाने वाले बोनस के आश्वासन से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। सरकार पिछले चार सालों से इसका आश्वासन देती आ रही थी। उन्होंने चड़ीगढ़ में घोषणा करते हुए ऐसा करने में सरकार असमर्थता जताई है।राकेश सैन31
टिप्पणियाँ