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काले हिरन के शिकार के मामले में निर्मम हिंसा का दोषी पाया गया सिने अभिनेता सलमान खान को जोधपुर की निचली अदालत ने सजा सुनाई। इस देश की न्याय-प्रक्रिया से परिचित हर व्यक्ति को पता है कि यदि किसी अपराधी के पास पर्याप्त अर्थ-सामथ्र्य है तो वह किसी भी मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जा सकता है और इस प्रक्रिया में अपनी पूरी जिन्दगी चैन से जमानत पर काट सकता है। बस, जमानत मिलने में जितना समय लगता है उतनी देर उसे जेल में रहना होता है। किन्तु यदि वह अपराधी सलमान जैसा सिने अभिनेता हो तो उसकी एक रात की बेचैनी भी इस युग के मीडिया के लिए सबसे पहली और सबसे विस्तृत खबर होती है। तमाम स्थितियों को इस कोण से प्रस्तुत किया जाता है कि अपराधी के प्रति सहानुभूति और अदालत के प्रति आक्रोश उमड़ने लगता है। मुम्बई में सलमान के घर के बाहर नाचने वालों प्रशंसकों और जोधपुर में उसकी झलक पाने को व्याकुल दीवानों को देखकर इस देश की विकृत मानसिकता की झलक मिली। बिश्नोई समाज के लिए वरेण्य निरीह हिरन की निर्मम हत्या के प्रति पूरी तरह संवेदनारहित इन सिने दीवानों को देखकर तुलसी बाबा की याद आ रही थी-तुलसी भेड़न की धंसनि जड़ जनता सनमान।28
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