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तिरुमला तिरुपति में भड़काऊ ईसाई प्रचारआंध्र प्रदेश, विशेषकर हिन्दुओं के पवित्र तीर्थ भगवान बाला जी की नगरी तिरुपति में ईसाई मिशनरी कितने सक्रिय हैं इसका अंदाजा गत दिनों वहां गए श्रद्धालुओं को हुआ। तिरुपति मंदिर से दर्शन कर आंध्र प्रदेश पथ परिवहन निगम की बस से लौट रहे लोग उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब एक मिशनरी ने उन्हें ईसाई साहित्य बांटा और ईसाइयत का प्रचार किया। इस घटना को लेकर न केवल यात्रियों में रोष पैदा हुआ बल्कि तिरुमला देवासम बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी ए.पी.वी.एन. शर्मा ने एक पत्रकार वार्ता करके भविष्य में ऐसी किसी भी हरकत से बाज आने की मिशनरियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि देवासम बोर्ड के कानूनों में इसके विरुद्ध कड़े प्रावधान हैं। हालांकि उन्होंने इसे “दिशाभ्रमित लोगों” द्वारा की गई घटना बताया।तिरुमला तिरुपति पर्वत पर गैरहिन्दू मत-पंथों के प्रचार-प्रसार संबंधी कार्यक्रमों के विरुद्ध देवासम बोर्ड के कानून की जानकारी देते हुए श्री शर्मा ने दो नियमों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि नियम क्रमांक 196 के अंतर्गत तिरुपति मंदिर के पूरे 10 वर्ग मील क्षेत्र के अलावा चारों ओर का एक तिहाई वर्ग मील क्षेत्र तिरुमला देवासम की विशिष्ट सम्पदा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बोर्ड कानून के नियम क्र. 197 के अंतर्गत तिरुमला को तीर्थ क्षेत्र घोषित किया हुआ है और यहां के निवासियों के लिए हिन्दू रीति रिवाजों का अनुपालन करना और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना अनिवार्य है। ये नियम इतनी कड़ाई से लागू किए जाते हैं कि वेंकटेश्वर संप्रदाय को छोड़कर हिन्दू धर्म के अंतर्गत ही अन्य सम्प्रदायों के प्रसार पर भी पाबंदी है। श्री शर्मा ने बताया कि एक बार तो यहां भगवान गणेश की शोभायात्रा भी नहीं निकलने दी गई थी।सवाल यह नहीं है कि गणेश जी की शोभायात्रा पर रोक लगा दी गई थी या नहीं, सवाल यह है कि इतने कड़े प्रावधान होने के बावजूद ईसाई मिशनरी ऐसी हरकत कैसे कर पाए? इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब तो नहीं मिला पर श्री शर्मा ने इतना ही कहा कि देवासम बोर्ड भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी कड़ी करेगा। गुप्तचर एजेंसी के साथ समन्वय करके ऐसी किसी हरकत की पूर्वसूचना प्राप्त करने की कोशिश करेगा। भविष्य में इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आपराधिक प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। पत्रकार वार्ता में उपस्थित मुख्य सतर्कता व सुरक्षा अधिकारी श्री बालकृष्ण ने बताया कि उनके विभाग ने उन ईसाई मत-प्रसारकों के नाम व पते प्राप्त कर लिए हैं। जिन्होंने बस में यात्रियों को ईसाई साहित्य बांटा था, उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।पास्टर को चेतावनीगत दिनों एस.वी. विश्वविद्यालय के ई खण्ड में छात्रों के बीच ईसाई प्रचार कर रहे एक पास्टर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रंगे हाथों पकड़ा और परिसर से बाहर खदेड़ दिया। विश्वविद्यालय के कुलपति एस. जयराम रेड्डी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि परिसर में किसी भी मत-पंथ के प्रसार के विरुद्ध सभी संभावित कदम उठाए जाएंगे। प्रतिनिधि10
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