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– राजेन्द्र “अनल”
आसेतु-हिमांचल था जिनकी पुराणाभा से देदीप्यमान।
थे स्वयं सदाशिव के स्वरूप श्री गुरु गोलवलकर महान।।
केशव ने जो बिरवा रोपा, माधव ने सींचा बड़ा किया।
सम्पूर्ण राष्ट्र में संघ वृक्ष की शाखाओं को खड़ा किया।।
तत्वज्ञ विचारक, ज्ञानवान, निष्काम कर्मयोगी साधक।
ऋषि परम्परा के सिद्ध पुरुष, वैदिक संस्कृति के संवाहक।।
अभिनव दधीचि बन दिया “स्वर्धे निधनं श्रेय:” तत्वज्ञान।
है दिग-दिगन्त में गूंज रहा श्री गुरु गोलवलकर महान।।
जिसने स्वदेश को दिया मंत्र, है हिन्दू राष्ट्र यह भरतभूमि।
ऋषियों-वेदों की यह धरती है राम-कृष्ण की जन्मभूमि।।
“गुरुजी” की संज्ञा से अभिहित वृक्षकाय महामति, महाप्राण।
गौरांग भयातुर हो भागे भारत जननी को मिला त्राण।।
खंडित स्वतंत्रता मिली किन्तु आगत स्वजनों को दिया मान।
शरणार्थी भी पुरुषार्थी बन जीवित रक्खे हैं स्वाभिमान।।
गांधी-वध का आरोप लगा जब क्षुद्र शासकों ने घेरा।
प्रतिबन्ध संघ पर लगा, बना बन्दीगृह गुरुजी का डेरा।।
पर न्याय तुला संतुलित रही, अन्याय नहीं चलने पाया।
न्यायालय ने निर्दोष कहा तब पुरुष सिंह बाहर आया।।
फिर से फहराने लगा व्योम में अपना केशरिया निशान।
भगवाध्वज तले लगे जुटने बूढ़े बच्चे और नौजवान।।
फिर नव अध्याय प्रारंभ हुआ बन गया सुदृढ़ संगठन तंत्र।
राष्ट्रीय एकता अनुशासन का लगा गूंजने महा मंत्र।।
सर्वस्व समर्पित करने वाले बनने लगे स्वयंसेवक।
प्रेरणा प्राप्त कर गुरुजी से सत्पथ पर चले राष्ट्रसेवक।।
पर गुरुजी असमय स्वर्ग चले, रह गया शेष बस दिव्य ज्ञान।
चल रहे सहस्रों युवक आज भी उस पथ पर निज वक्ष तान।।
हे राष्ट्र पुरुष! स्वीकार करो अर्पित श्रद्धा के कोटि सुमन।
हो कोटि-कोटि जन नतमस्तक, स्मृति में हैं कर रहे नमन।।
एकता बद्ध होगा समाज, पूरे होंगे सारे सपने।
वैभव शाली समाज की संरचना में लगे सभी अपने।।
चल रहा, चलेगा लक्ष्य प्राप्ति तक यह अपना विजयाभियान।
है दिग-दिगन्त में गूंज रहा माधव महान, माधव महान।।
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सेटिस्फेक्शन नहीं, अब कंज्यूमर डिलाइट
यह शीर्षक है इंदौर से प्रकाशित दैनिक भास्कर के 1 अप्रैल, 2006 के अंक में प्रकाशित एक समाचार का। इसे भेजने वाली हैं- श्रीमती प्रतिभा कपले, 91 अरावली, इंद्रपुरी, इंदौर, मध्य प्रदेश – 4066350
और इनका सुझाव
उक्त पंक्ति इस प्रकार भी लिखी जा सकती थी-
संतोष ही नहीं अब खरीददार का आनंद भी
पाञ्चजन्य, संस्कृति भवन, देशबंधु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-110055
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