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प्रेम कुमार धूमल को मिला भारत ऊर्जा सम्मानश्री गुरुजी जानते थे तिब्बत का महत्व-प्रेम कुमार धूमल”हमारा देश आज सुरक्षित नहीं है। चीन ने तिब्बत तक रेल लाइनें बिछा लीं, पर केंद्र को पता नहीं चला। अब तो वह नेपाल एवं सिक्किम तक आ पहुचा है। उसने अपने यहां बांध बना लिया है और जब चाहे सतलुज नदी का बहाव रोककर उस पर चल रही हमारी परियोजनाओं को ठप्प कर सकता है।” यह बात हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल ने गत दिनों श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में भारत-तिब्बत सहयोग मंच, हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्हें भारत ऊर्जा सम्मान-2006 से भी सम्मानित किया गया। सम्मेलन में उपस्थित निर्वासित तिब्बत सरकार की उपाध्यक्ष श्रीमती डोलमा ग्यारी ने तिब्बत के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि चीन की नीयत ठीक नहीं है। तिब्बत की आजादी का भारत के लिए भी महत्व है। निर्वासित तिब्बती सरकार के सांसद गेशे थुपन फेलगे ने कहा कि श्रीगुरुजी युगद्रष्टा थे। उन्होंने तिब्बत की स्वतंत्रता समाप्त होने से भारत को क्या क्षति होगी, इसे पहले ही जान लिया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसकी जानकारी भी दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। समारोह में भाग लेने पहुंचे अन्य विशिष्टजनों में निर्वासित तिब्बत सरकार के सांसद नावांग लाहमो, भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री डा. विवेक व इसके अध्यक्ष श्री सुनील मनोचा भी स्वर्ण दीपक रैणा थे। प्रतिनिधि19
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