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-प्रमिला ताई मेढ़े
नूतन प्रमुख संचालिका, राष्ट्र सेविका समिति
देश के सबसे बड़े स्त्री संगठन की प्रमुख संचालिका का दायित्व ग्रहण करने के बाद आप कैसा महसूस कर रही हैं?
यहां दायित्व को लेकर महसूस जैसी कोई बात ही नहीं होती। पहले जिस तरह काम करती थी उसी तरह अब भी करूंगी। हां, दायित्व बड़ा हो गया है। किसी दायित्व को अच्छी तरह निभाना तो हम लोगों का संस्कार है।
महिलाओं की वर्तमान स्थिति के बारे में कुछ बताएं?
स्त्रियों के सामने कुछ कठिनाइयां तो अवश्य हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे- समाज की गलत धारणाएं, परिवार के लोगों के विचार, कुछ रूढ़ियां आदि। किन्तु ये क्षणिक प्रभाव वाले कारण हैं, क्योंकि भारत की महिलाएं दुर्बल तो हैं नहीं। यह वर्ष वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान का 150वां वर्ष है। 20-21 साल की उम्र में ही उन्होंने एक बहुत बड़े दायित्व को निभाया था। उनसे प्रेरणा लेकर आज हम विभिन्न समस्याओं का सामना कर सकते हैं। समस्याओं से जूझने की क्षमता तो स्त्रियों में होनी ही चाहिए। इस देश को खण्डित करने के प्रयास हो रहे हैं, उसके लिए भी स्त्रियों को सजग रहना होगा। भारत वीरांगनाओं का देश रहा है। उस परम्परा को बनाए रखने के लिए स्त्रियों को सशक्त एवं सक्षम बनाना होगा। सेविका समिति इसके लिए प्रयास कर रही है।
आज सबसे ज्यादा कष्ट और जिम्मेदारी महिलाओं को उठानी पड़ती है। चाहे जिहादी या नक्सली हमले हों या शहरी जिन्दगी की उलझनें। इस हालत में महिलाओं को क्या करना चाहिए?
परिवार के सभी सदस्यों के साथ ताल-मेल बैठाकर स्त्रियों को अपना कर्तव्य निभाना पड़ता है। विभिन्न दायित्वों के पालन में स्त्रियों को जो कष्ट सहना पड़ता है, उसको महसूस करना चाहिए। जरा सोचिए उस समय किसी स्त्री के साथ क्या गुजरता होगा, जब किसी कारणवश उसका पति आत्महत्या कर लेता है या किसी हमले में मारा जाता है। बाल-बच्चों की देखरेख, वृद्ध माता-पिता की सेवा से लेकर काम-धंधे की भी जिम्मेदारी उस पर आ जाती है। इसलिए महिलाओं को भी हर दृष्टि से योग्य बनने का अवसर देना चाहिए।
वर्तमान में महिलाओं को किन-किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है?
ऐसी अनेक परिस्थितियां हैं, जिनसे महिलाओं को सुबह से लेकर शाम तक जूझना पड़ता है। सामाजिक, आर्थिक, वैवाहिक, पारिवारिक और एक हद तक राजनीतिक समस्याओं से भी महिलाओं को सामना करना पड़ता है। हर स्तर पर कोई न कोई समस्या है। समस्या है तो उसका हल भी है। वह हल क्या है, यह महिलाओं को बताने की जरूरत है।
समिति की भावी योजनाएं क्या हैं?
इस वर्ष समिति ने ग्रामीण महिलाओं के लिए एक विशेष योजना बनाई है। इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, आहार, शिक्षा, संस्कार एवं स्वावलम्बन के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा तथा आत्मविश्वास जागरण के कार्यक्रम भी होंगे। प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंह
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