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-देवांशु पाल
प्रिय बेटा
इस बार गांव में
भयंकर सूखा पड़ा है
हैजा फैल रहा है
तू शहर में ठीक से रहना
तेरे दादाजी
अब अस्सी वर्ष के हो गए हैं
घर का अनाज खत्म हो रहा है
तेरी मां की दवाई भी
लाला साहूकार अब रोज घर पर आने लगा है
ब्याज बढ़ रहा है
तेरी छोटी बहन
मोनू की सगाई की तारीख
पक्की कर दी है
आंगन में नीम के पेड़ में
इस साल फल नहीं आए हैं
वो बूढ़ा हो गया है
तू गांव कब आएगा
तेरे आने से सब ठीक हो जाएगा
एक तू ही है
हमारी सारी उम्मीदें
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